आपने अक्सर रात को चमगादड़ों को उड़ते हुए देखा होगा कि किस तरह से रात के अँधेरे में भी वे तेजी के साथ अपनी उड़ान भरते हैं और रात के समय में पेड़ के उपर उलटे लटके हुए रहते हैं। तब आपके मन में ये सवाल उठा होगा कि आखिर चमगादड़ पेड़ों पर उल्टा ही क्यों लटकते हैं? इसी बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
तो इसके पीछे का एक कारण ये है कि उल्टा होने से ये बड़ी आसानी से उड़ान भर सकते हैं। दरअसल, बाकी पक्षियों की तरह चमगादड़ जमीन से उड़ान भरने में सक्षम नहीं है, क्योंकि उनके पंख उतने उठान नहीं देते, जितनी उड़ने के लिए उन्हें जरूरत होती है। इसी के अलावा उनके पिछले पैर छोटे और पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं।
चमगादड़ की करीब 1000 प्रजातियां पाई जाती हैं और ये दूसरे कीड़े मकोड़े का खून पीने में माहिर होते हैं। वहीँ उनमे एक पिशाच प्रजाति का चमगादड़ भी होता है जो पूरी तरह से खून पर निर्भर रहता है।
इनकी दिल की गति सोते समय 18 बार प्रति मिनट तक धड़क सकती है। वहीं जागते समय इनके दिल की गति 880 तक पहुंच जाती है। वैज्ञानिकों की मानें तो चमगादड़ आज से करीब 10 करोड़ साल पहले यानी डायनासोरों के जमाने में भी धरती पर रहा करते थे