Income Tax : क्या आपकी खेती की ज़मीन बेचने पर लगेगा टैक्स? जानिए क्या है पूरा सच

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Income Tax : खेती की जमीन बेचना और उससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगता है या नहीं, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है। खेती से संबंधित भूमि के बारे में नियम और टैक्स के प्रावधानों को समझना जरूरी है ताकि आपको सही जानकारी मिले। इस लेख में हम जानेंगे कि कब और किस स्थिति में खेती की जमीन को बेचने पर टैक्स लगता है और कब नहीं।

खेती की जमीन के प्रकार

खेती की जमीन (Income Tax) को दो प्रमुख श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

  1. रूरल एग्रीकल्चर लैंड (ग्रामीण कृषि भूमि) – यह जमीन गांवों और ग्रामीण इलाकों में होती है। इसे आमतौर पर कृषि योग्य माना जाता है।
  2. अर्बन एग्रीकल्चर लैंड (शहरी कृषि भूमि) – यह जमीन शहरी इलाकों में स्थित होती है, जहां खेती की जाती है। शहरी इलाके में स्थित यह जमीन आमतौर पर कृषि भूमि के रूप में नहीं मानी जाती है।
Income Tax
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Income Tax एक्ट में क्या कहा गया है?

इन्हीं दोनों प्रकार की भूमि के लिए अलग-अलग टैक्स नियम होते हैं। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 2(14) के मुताबिक, म्युनिसिपलिटी या शहरों के अन्य क्षेत्रों में स्थित खेती की जमीन को कृषि भूमि नहीं माना जाता है। इसे विशेष रूप से यह तय किया गया है कि कौन सी भूमि कृषि भूमि मानी जाएगी और कौन सी नहीं:

  • अगर किसी क्षेत्र की जनसंख्या 10,000 या उससे अधिक है, तो वह जमीन कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।
  • यदि उस क्षेत्र की जनसंख्या 10,000 से 1 लाख तक है, तो उस इलाके के 2 किलोमीटर तक की भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाती है।
  • अगर उस इलाके की जनसंख्या 1 लाख से 10 लाख के बीच है, तो 6 किलोमीटर तक की भूमि कृषि भूमि से बाहर मानी जाती है।
  • अगर इलाके की जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा है, तो उस इलाके के 8 किलोमीटर के दायरे तक की भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।

किस जमीन पर नहीं लगेगा टैक्स?

यदि आपकी जमीन ग्रामीण इलाके में स्थित है और वह रूरल एग्रीकल्चर लैंड है, तो उसे कैपिटल एसेट (Income Tax) नहीं माना जाएगा। इस प्रकार की भूमि की बिक्री पर कोई भी कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता। वहीं, शहरी इलाकों में स्थित कृषि भूमि को कैपिटल एसेट माना जाता है, और उसे बेचने पर आपको टैक्स देना होगा।

Income Tax
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टैक्स कब देना होगा?

अगर आप शहरी कृषि भूमि को 2 साल के बाद बेचते हैं, तो उस बिक्री से होने वाले मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Income Tax) लगेगा, जो कि 20% होगा। इसके अलावा, इंडेक्सेशन लाभ भी मिलेगा। अगर आप उसे 2 साल से पहले बेचते हैं, तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जो टैक्स स्लैब के अनुसार होगा।इसलिए, यह जरूरी है कि आप जिस भूमि को बेच रहे हैं, उसकी प्रकृति और लोकेशन को सही से समझें।

निष्कर्ष

खेती की जमीन पर टैक्स (Income Tax) की स्थिति इस बात पर निर्भर करती है कि वह भूमि रूरल है या अर्बन। रूरल एग्रीकल्चर लैंड की बिक्री से होने वाली कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता, जबकि अर्बन एग्रीकल्चर लैंड की बिक्री पर टैक्स देना होता है। साथ ही, यदि आप शॉर्ट टर्म में इसे बेचते हैं तो टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स देना होगा। इस जानकारी के साथ आप अपनी जमीन की बिक्री और टैक्स संबंधित निर्णय आसानी से ले सकते हैं।

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