Gehu ke Danthal: भारत में गेहूं की फसल के कटाई का समय आते ही खेतों में बचे फसल अवशेषों को जलाने की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गेहूं के डंठल से किसान बंपर कमाई भी कर सकते हैं? अगर किसानों ने इन डंठलों का सही तरीके से उपयोग किया तो वे प्रति एकड़ 70,000 से 80,000 रुपये तक कमा सकते हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि गेहूं के डंठल का सही तरीके से इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, जिससे किसानों को फायदा हो।
Gehu ke Danthal को जलाने के नुकसान
कई किसान खेतों को जल्दी खाली करने के लिए गेहूं के डंठल को जला देते हैं, जो न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे मिट्टी में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, जो फसल की गुणवत्ता पर असर डालते हैं। इस वजह से किसानों को गेहूं के डंठल का जलाने के बजाय इसका सही उपयोग करना चाहिए।

Gehu ke Danthal से कमाई के तरीके
भूसा बनाकर बेचें
गेहूं के डंठल से भूसा तैयार किया जा सकता है, जिसे पशुपालकों और डेयरी फार्मों में बेचा जा सकता है। एक एकड़ में लगभग 10 क्विंटल पराली उत्पन्न होती है, जिसे बेचा जा सकता है। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है।
वर्मीकम्पोस्ट खाद तैयार करें
गेहूं के बचे हुए अवशेषों को वर्मीकम्पोस्ट खाद में बदला जा सकता है। इस जैविक खाद की बाजार में काफी मांग है, और इसका उपयोग किसान अपने खेतों में भी कर सकते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता बढ़ती है और खाद की लागत कम होती है।
बायोगैस और ईंधन ब्रिकेट का उत्पादन
गेहूं के डंठलों से बायोगैस बनाई जा सकती है, जो ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा का अच्छा स्रोत बन सकती है। इसके अलावा, इन डंठलों को दबाकर ईंधन ब्रिकेट्स भी बनाए जा सकते हैं, जिन्हें उद्योगों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे किसानों को एक और आय का जरिया मिल सकता है।
सरकार की मदद
सरकार ने गेहूं के डंठल को जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और किसानों को इनका सही उपयोग करने के लिए जागरूक किया है। कई राज्यों में किसानों को स्ट्रा-रिपर और बेलर मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है, ताकि वे इन अवशेषों को जलाने के बजाय उनका सही तरीके से उपयोग कर सकें।

किसानों को क्या करना चाहिए?
किसान भाइयों को खेतों में पड़े फसल अवशेषों को जलाने के बजाय इन्हें भूसा, जैविक खाद या अन्य उत्पादों के रूप में उपयोग करना चाहिए। इसके लिए वे कृषि विभाग द्वारा दी जा रही योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं और इस प्रक्रिया से अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।
Gehu ke Danthal को सही तरीके से उपयोग कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। यह एक शानदार आय का स्रोत बन सकता है, जो न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बनाएगा बल्कि खेतों की उर्वरता को भी बनाए रखेगा। इसलिए किसानों को गेहूं के डंठल का जलाने के बजाय इसका सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।
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