YRKKH 05 September : ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) टेलीविजन जगत के लोकप्रिय शो में से एक है। शो में इन दिनों कई ट्विस्ट एंड टर्न्स देखने को मिल रहे हैं। सीरियल के पिछले एपिसोड में आपने देखा कि जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। हर कोई तैयारी करता है। आभीर भगवान कृष्ण और रूही राधा बन गई हैं। वहीं कुछ महिलाएं अक्षरा (Akshara) को विधवा होने का ताना देती हैं और अभिमन्यु उन महिलाओं को खरी-खोटी सुनाते हैं।
YRKKH 05 September
आज के YRKKH 05 September एपिसोड में आप देखेंगे कि जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। कुछ महिलाएं बार-बार अक्षरा को निशाना बनाने की कोशिश करती हैं। अक्षरा भगवान का प्रसाद लेने जाती है लेकिन वह उसे टोकते हैं और कोई और काम करने के लिए कहते हैं। ये सब मनीष नोटिस कर रहा है। दूसरी ओर, अभिमन्यु अक्षरा को ताना मारने से परेशान है।
बज जाते है रात के 12
शेफाली अभिमन्यु की परेशानी समझती है और उसे अक्षरा से पूरी बात करने की सलाह देती है। वह कहती है कि पहले गलतियों की सजा सिर्फ तुम दोनों को मिलती थी लेकिन अब अभिर को भी मिलेगी। इसी बीच रात के 12 बज जाते हैं और अक्षरा भगवान का पट खोलने ही वाली होती हैं, लेकिन महिलाएं उन्हें टोक देती हैं और मना कर देती हैं। मनीष महिलाओं से सवाल करते हैं कि वे अक्षरा (Akshara) को काम करने से क्यों रोक रही हैं। एक महिला का कहना है कि अक्षरा अब विधवा हैं और कोई शुभ काम नहीं कर सकतीं। अगर अक्षरा पूजा में शामिल होती हैं तो हम यहां नहीं रुकेंगे।
कान्हा जी ने हमेशा किया महिलाओं का सम्मान | YRKKH 05 September
यह सुनकर अक्षरा और बाकी सभी लोग महिलाओं को सुनाते हैं। ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) की अक्षरा कहती हैं कि यह कहां लिखा है कि विधवा पूजा नहीं कर सकती..अगर लिखा है तो दिखाओ..मैं आज ही चली जाऊंगी। वह कहती है कि कान्हा जी ने हमेशा महिलाओं का सम्मान किया है और आप खुद एक महिला का अपमान कर रहे हैं। मुझे विधवा कहकर तुम पाप के भागी बन रहे हो।
Akshara के साथ हुआ ये हादसा
अक्षरा (Akshara) कहती हैं हां मैं विधवा हूं…लेकिन मैं मरी नहीं हूं, मैं जिंदा हूं। जिसके बाद पूरा परिवार अक्षरा से घूंघट उठवाता है और बाकी लोग बहस करते हैं। हालाँकि, अक्षरा मना कर देती है और उसे घर जाकर पूजा करने के लिए कहती है। तभी पर्दे में एक गांठ लगती है और अक्षरा आकर गांठ खोलती है और कान्हा जी नजर आते हैं। जिसके बाद अक्षरा भगवान की आरती करती हैं।
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