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Shanidev की नाराज़गी से तबाह हो सकता है भाग्य, जानिए वो आदतें जो आपको बना सकती हैं गरीब

Harsh

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Shanidev: हिंदू धर्म में Shanidev को न्याय के देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। जब भी शनिदेव का नाम लिया जाता है, तो लोगों के मन में डर और चिंता का भाव पैदा हो जाता है। कई लोग शनिदेव को केवल कष्ट देने वाला ग्रह मानते हैं, लेकिन असल में वे हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का सटीक फल देते हैं।

अगर आपने अच्छे कर्म किए हैं तो Shanidev आपको अर्श तक पहुंचा सकते हैं, वहीं गलत काम करने पर वे कड़े दंड भी दे सकते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि शनिदेव किन कामों से नाराज़ होते हैं, किन आदतों से उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है, और उनके प्रभाव से जीवन कैसे बदल सकता है।

ज्योतिष में Shanidev का स्थान और महत्व

वैदिक ज्योतिष में शनिदेव का स्थान अत्यंत विशेष है। यह नवग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं और किसी एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। तुला में उच्च और मेष में नीच के माने जाते हैं। Shani को तकनीक, लोहा, मजदूरी, कारागार, रोग, सेवक और दुख का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में शनिदेव शुभ स्थिति में हों तो व्यक्ति को धन, सम्मान और सफलता प्राप्त होती है। 

Shanidev
Shanidev

लेकिन यदि शनि की दशा अशुभ हो या साढ़े साती चल रही हो, तो व्यक्ति को संघर्ष, अपमान, आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

Shanidev को कब आता है क्रोध और क्यों देते हैं कष्ट

शनिदेव बहुत ही अनुशासित और न्यायप्रिय हैं। यदि कोई व्यक्ति बुरे कर्म करता है – जैसे बुजुर्गों से दुर्व्यवहार, गरीबों को सताना, साफ-सफाई का ध्यान न रखना, या दूसरों का धन लौटाने में धोखा देना – तो Shani क्रोधित हो जाते हैं। उनकी नाराज़गी का असर सीधा व्यक्ति की नौकरी, व्यापार, स्वास्थ्य और रिश्तों पर पड़ता है। व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता, कर्ज और मानसिक बेचैनी बढ़ जाती है।

ऐसी बहुत सी आदतें हैं जो सामान्य लगती हैं, लेकिन शनिदेव उन्हें गंभीर अपराध मानते हैं। जैसे, चप्पल घसीटकर चलना, पैरों को लगातार हिलाते रहना, झूठ बोलना या अहंकार में आकर दूसरों को नीचा दिखाना। ये सभी बातें शनिदेव के कोप का कारण बन सकती हैं।

Shanidev को प्रसन्न करने के लिए क्या करें

अगर आपको लगता है कि Shani की दशा आपके जीवन में कष्ट ला रही है, तो उनके क्रोध को शांत करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय हैं। सबसे पहला उपाय है — नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना। माना जाता है कि हनुमानजी की पूजा करने से Shani के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।

इसके अलावा शनिवार को शनिदेव को तिल और तेल चढ़ाना, काले वस्त्र पहनना और जरूरतमंदों को काले तिल, काले कपड़े या लोहे की चीजें दान करना भी लाभकारी होता है। आप शनि बीज मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें और शनि चालीसा पढ़ें। इससे नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और Shanidev की कृपा प्राप्त होती है।

Shanidev की कृपा कैसे बना सकती है जीवन को सफल

शनि केवल दंड नहीं देते, बल्कि वे ईमानदार और मेहनती व्यक्ति को महान बना सकते हैं। जिन लोगों की कुंडली में Shani शुभ होते हैं, वे धीरे-धीरे संघर्षों के बाद सफलता की ऊँचाई पर पहुंचते हैं। Shanidev व्यक्ति में संयम, धैर्य और आत्मबल की वृद्धि करते हैं। वे आपको जीवन की सच्चाई सिखाते हैं और आपके कर्मों को दिशा देते हैं।

जब Shanidev प्रसन्न होते हैं तो व्यक्ति को स्थिर आय, सफलता, सम्मान और संतुलन प्राप्त होता है। उनकी कृपा से जीवन में आने वाली रुकावटें धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं।

Shanidev से डरें नहीं, समझें और साधना करें

Shanidev को केवल कष्ट देने वाला देवता समझना एकतरफा सोच है। वे न्यायप्रिय हैं और केवल उन्हीं को दंड देते हैं जो अपने कर्मों से गलत राह पर जाते हैं। यदि आप अपने जीवन में अनुशासन, सेवा, भक्ति और सच्चाई को अपनाते हैं, तो Shanidev की कृपा से कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।

Shanidev
Shanidev

इसलिए, Shani से डरने की बजाय, उन्हें समझें, उनकी पूजा करें, अच्छे कर्म करें और उनका आशीर्वाद पाने के लिए स्वयं को सुधारें। तभी आपका भाग्य बदलेगा और आप शनि की कृपा से अपने जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जा पाएंगे।

अगर आप जीवन में बार-बार संघर्षों से जूझ रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि शनिदेव आपको चेतावनी दे रहे हैं। अब समय है आत्ममंथन करने का और सही मार्ग पर चलने का।

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