7th Pay Commission: महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी, क्या डीए होगा बेसिक सैलरी में मर्ज? जानिए सच!

Harsh

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7th Pay Commission DA Hike: केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) में 3% की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद अब डीए 53% तक पहुंच गया है। इस घोषणा के बाद से यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या महंगाई भत्ते को मूल वेतन (बेसिक सैलरी) के साथ मर्ज किया जाएगा या नहीं। इस विषय पर न केवल कर्मचारियों बल्कि विशेषज्ञों के बीच भी चर्चाएं हो रही हैं। यदि आप भी इस बदलाव और संभावनाओं से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

7th Pay Commission से महंगाई भत्ते में 3% का इजाफा

केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की है। पहले डीए 50% तक था, जो अब बढ़कर 53% हो गया है। इस वृद्धि का लाभ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को 1 जुलाई 2024 से मिलेगा। इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारी इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि क्या यह भत्ता उनकी बेसिक सैलरी के साथ जोड़ा जाएगा।

7th Pay Commission में महंगाई भत्ते को मर्ज करने पर क्यों हो रही है चर्चा?

डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का मुद्दा कोई नया नहीं है। पहले भी जब महंगाई भत्ता 50% के स्तर को पार करता है, तो इसे बेसिक सैलरी में जोड़ने की संभावना पर चर्चाएं तेज हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वेतन संरचना को सरल बनाने के लिए ऐसा किया जा सकता है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस विषय पर अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है।

7th Pay Commission

क्या सरकार 7th Pay Commission में डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करेगी?

महंगाई भत्ते को लेकर बिजनेस टुडे में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने स्पष्ट किया है कि डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज नहीं किया जाएगा। भले ही डीए 50% की सीमा पार कर चुका हो, फिर भी इसे वेतन के साथ मिलाने की कोई योजना नहीं है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सातवें वेतन आयोग ने भी इस तरह की कोई सिफारिश नहीं की है।

7th Pay Commission को लेकर विशेषज्ञों का क्या कहना है?

कानूनी विशेषज्ञों और आर्थिक विश्लेषकों ने भी डीए और बेसिक सैलरी के मर्ज होने पर अपनी राय दी है। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विशाल गहराना और करंजवाला एंड कंपनी के प्रिंसिपल एसोसिएट ने बताया कि पांचवें वेतन आयोग के दौरान वेतन संरचना को आसान बनाने के लिए डीए को बेसिक सैलरी के साथ मर्ज करने की सिफारिश की गई थी। लेकिन छठे और सातवें वेतन आयोग में इसे लागू नहीं किया गया।

इंडसलॉ के पार्टनर देबजानी ऐच ने भी कहा है कि सरकार द्वारा डीए को बेसिक सैलरी के साथ मिलाने की संभावना नहीं है। वहीं, लूथरा एंड लूथरा लॉ ऑफिस के पार्टनर संजीव कुमार ने भी कहा कि सातवें वेतन आयोग ने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है, जिससे डीए और बेसिक सैलरी को जोड़ा जा सके।

डीए में वृद्धि कब होती है?

केंद्र सरकार हर साल दो बार, मार्च और सितंबर के महीनों में, डीए और डीआर (महंगाई राहत) में बढ़ोतरी का ऐलान करती है। यह वृद्धि जनवरी और जुलाई के महीने से लागू होती है। बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों को अप्रैल और अक्टूबर में उनकी सैलरी के साथ एरियर का भुगतान किया जाता है।

7th Pay Commission में डीए बढ़ोतरी की संभावनाएं

महंगाई भत्ते में अगली वृद्धि को लेकर कर्मचारियों में उत्सुकता बनी हुई है। संभावना है कि सरकार होली से पहले डीए बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। हालांकि, इस पर आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।

7th Pay Commission
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7th Pay Commission बढ़ने से केंद्रीय कर्मचारियों को राहत मिली है। लेकिन इसे बेसिक सैलरी में मर्ज करने को लेकर सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल ऐसा करना संभव नहीं है। इसलिए कर्मचारियों को इस विषय पर अटकलों पर ध्यान न देते हुए, सरकार की अगली घोषणा का इंतजार करना चाहिए।

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