8th Pay Commission: देशभर में लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस समय जिस एक बात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वह है 8th Pay Commission का लागू होना। हर बार की तरह इस बार भी वेतन आयोग की घोषणा से पहले सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, इसका अंदाजा लगाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। खासकर फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते (DA) को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस बार 8वें वेतन आयोग में ना केवल बेसिक सैलरी बढ़ेगी, बल्कि DA को भी उसमें मर्ज कर दिया जाएगा। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि यह फॉर्मूला कैसे काम करेगा और आपकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी संभव है।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और इसका क्या असर पड़ेगा?
8th Pay Commission में सैलरी बढ़ाने का सबसे महत्वपूर्ण टूल होता है फिटमेंट फैक्टर। यह एक तरह का गुणक (multiplier) होता है, जिससे पुरानी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तैयार की जाती है। इसका उद्देश्य सभी कर्मचारियों के लिए समान रूप से वेतन वृद्धि सुनिश्चित करना होता है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिससे पुराने बेसिक पे को गुणा कर नई सैलरी तय हुई थी।

इस बार कर्मचारी संगठन मांग कर रहे हैं कि फिटमेंट फैक्टर कम से कम 3.68 रखा जाए। अगर यह मांग मानी जाती है, तो सैलरी में भारी उछाल संभव है। हालांकि, सरकार की ओर से 2.8 से 3.0 के बीच किसी आंकड़े को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
DA मर्जर का क्या है गणित और क्यों है यह अहम?
हर वेतन आयोग लागू होते समय तक जितना DA मिल चुका होता है, उसे नई बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाता है। इसे ही DA मर्जर कहा जाता है। इसका फायदा यह होता है कि नई सैलरी के साथ DA फिर से शून्य से शुरू होता है और कर्मचारियों को हर छह महीने में बढ़ता हुआ DA अलग से मिलना शुरू हो जाता है।
जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब तक DA 125% तक पहुंच गया था और इसे बेसिक सैलरी में जोड़कर फिर उस पर 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लगाया गया था। अब संभावना जताई जा रही है कि जब 8th Pay Commission 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, तब तक DA 60% या उससे ज्यादा हो सकता है। इसे नई बेसिक में जोड़कर फिर से फिटमेंट फैक्टर से गुणा किया जाएगा।
कैसे करें सही सैलरी कैलकुलेशन?
सोशल मीडिया पर अक्सर “बेसिक + DA = सब टोटल, फिर उस पर 18% बढ़ाकर नई सैलरी” जैसे भ्रामक फॉर्मूले सामने आते हैं। लेकिन असली गणित इससे अलग होता है। सरकार पहले फिटमेंट फैक्टर तय करती है और उसे सीधे मौजूदा बेसिक सैलरी पर लागू करती है।
मान लीजिए आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी ₹18,000 है और 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 3.0 लागू किया जाता है, तो नई सैलरी होगी ₹18,000 x 3.0 = ₹54,000। इसके ऊपर DA, HRA और अन्य भत्ते जोड़े जाएंगे।
यह कैलकुलेशन सिर्फ एक उदाहरण है। वास्तविक आंकड़े आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन उम्मीदें काफी ऊंची हैं।
भ्रमित करने वाले फॉर्मूलों से बचें
कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में 1.90 जैसा फिटमेंट फैक्टर बताया जा रहा है जो कि न तो तार्किक है और न ही पिछले वेतन आयोगों के ट्रेंड के अनुसार है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि फिटमेंट फैक्टर एक नीतिगत निर्णय होता है जिसे विशेषज्ञों की समिति तय करती है, न कि अनुमान से निकाला जाता है।
8th Pay Commission से जुड़ी उम्मीदें और तैयारी
सरकार की ओर से फिलहाल 8th Pay Commission के लिए कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन मंत्रालय स्तर पर इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। पैनल के गठन पर विचार किया जा रहा है और 2025 के अंत तक इससे जुड़ी घोषणाएं होने की पूरी संभावना है।

सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि इस बार न सिर्फ सैलरी बढ़ेगी, बल्कि ग्रेड पे स्ट्रक्चर और भत्तों में भी संशोधन किया जाएगा जिससे वेतन और सुविधाएं दोनों बेहतर हो सकें।
8th Pay Commission ना सिर्फ सैलरी में भारी बढ़ोतरी लाने वाला है, बल्कि यह लाखों परिवारों के आर्थिक जीवन को नई दिशा भी देगा। अगर DA को बेसिक में मर्ज किया जाता है और फिटमेंट फैक्टर 3.0 या उससे अधिक रहता है, तो यह कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक वेतन सुधार साबित हो सकता है। हालांकि, जब तक आधिकारिक सिफारिशें नहीं आ जातीं, तब तक सही जानकारी के लिए सिर्फ प्रमाणिक स्रोतों पर ही भरोसा करना चाहिए।
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