MSP Increase से किसानों की बल्ले-बल्ले! गेहूं पर अब मिलेगा ₹2425, मंडियों में खरीदारी की होड़

Harsh

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MSP Increase: देश के किसानों के लिए इस बार रबी सीजन की शुरुआत एक बड़ी खुशखबरी के साथ हुई है। सरकार ने गेहूं की MSP Increase की घोषणा करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य में ₹150 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इसके बाद अब गेहूं का नया MSP ₹2425 प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह बढ़ोतरी ऐसे समय पर आई है जब खुले बाजार में दाम गिर रहे थे और किसान चिंता में थे। इस फैसले से किसानों को अपनी मेहनत का उचित मूल्य मिलने की उम्मीद जगी है और मंडियों में गेहूं की आवक तेजी से बढ़ने लगी है।

MSP Increase के बाद मंडियों में बढ़ी हलचल

1 अप्रैल से सरकारी खरीद शुरू होते ही मंडियों में किसान बड़ी संख्या में गेहूं लेकर पहुंचने लगे हैं। हरियाणा के पटौदी, फरुखनगर, सोहना, गुरुग्राम और खोड़ जैसी मंडियों में रिकॉर्ड मात्रा में गेहूं की आवक देखी जा रही है। MSP Increase का सीधा असर यह हुआ है कि किसान अब खुले बाजार के बजाय सरकारी खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें यहां बेहतर और निश्चित मूल्य मिल रहा है।

गेहूं की पैदावार और फसल पंजीकरण में बढ़ोतरी

इस बार अनुमान है कि जिले में करीब 18 से 19 लाख क्विंटल गेहूं का उत्पादन होगा। किसानों ने ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर लगभग 46,600 एकड़ भूमि की फसल का पंजीकरण करवाया है। पिछले साल 4.70 लाख क्विंटल गेहूं मंडियों में आया था, जबकि इस बार यह आंकड़ा कहीं अधिक रहने की उम्मीद है। कुल मिलाकर 91,000 एकड़ में गेहूं की बुआई की गई थी, जो इस बार की पैदावार को और बेहतर बनाती है।

MSP Increase

2024 में गेहूं की आवक में भारी इज़ाफा

सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस साल गेहूं की आवक में पिछले साल की तुलना में लगभग 47% की बढ़ोतरी हुई है। उदाहरण के तौर पर फरुखनगर मंडी में इस बार 1,17,606 क्विंटल गेहूं आया है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 87,059 क्विंटल था। इसी तरह पटौदी मंडी में 3,29,014 क्विंटल गेहूं की आवक हुई है, जो कि 2023 की तुलना में कहीं ज्यादा है। यह बदलाव सीधे तौर पर MSP Increase से जुड़ा हुआ है, जिसने किसानों को सरकारी खरीद की ओर आकर्षित किया है।

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सरसों की खरीद भी जोरों पर

केवल गेहूं ही नहीं, बल्कि सरसों की फसल की खरीद भी इस साल बेहतरीन रही है। अब तक मंडियों में 1.21 लाख क्विंटल सरसों की सरकारी खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 75,621 क्विंटल था। फरुखनगर, पटौदी और सोहना मंडियों में सरसों की सरकारी और प्राइवेट दोनों प्रकार की खरीद जारी है, जिससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने के कई विकल्प मिल रहे हैं।

MSP Increase से बदला किसानों का नजरिया

इस साल के MSP Increase से किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। उन्हें विश्वास है कि सरकारी खरीद से उन्हें बाजार की तुलना में ज्यादा और तयशुदा दाम मिलेगा। इसके अलावा मंडियों में भी व्यवस्थाएं पहले से बेहतर की गई हैं, जिससे फसल बेचने की प्रक्रिया आसान और सुविधाजनक हो गई है। अब किसान कई घंटों तक लाइन में खड़े नहीं रहते और उन्हें भुगतान भी समय पर मिल रहा है।

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कंक्लुजन 

सरकार द्वारा गेहूं की MSP Increase के रूप में ₹150 की बढ़ोतरी करना किसानों के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे उन्हें ना केवल बेहतर मूल्य मिल रहा है, बल्कि आर्थिक रूप से भी वे ज्यादा सशक्त हो रहे हैं। मंडियों में बढ़ी हुई फसल की आवक यह साबित करती है कि किसान सरकारी योजनाओं में अब ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं। यदि इसी तरह किसानों को उनकी फसलों का सही दाम मिलता रहा, तो कृषि क्षेत्र में स्थायित्व और विकास की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस फैसले ने यह भी साफ कर दिया है कि MSP Increase जैसे कदम किसानों की जिंदगी बदल सकते हैं और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।

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