Gold Rate: आजकल Gold Rate में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, और सोने की कीमत 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। वैश्विक बाजारों में हो रही मजबूती के कारण दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में यह बढ़ोतरी आई है। गुरुवार को सोने की कीमत 365 रुपये बढ़कर 91,050 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि बुधवार को यह 90,685 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके साथ ही चांदी के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। इस लेख में हम जानेंगे कि Gold Rate में यह तेजी क्यों आई और आगे के लिए क्या संभावनाएं हैं।

Gold Rate में तेजी का कारण
Gold Rate में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से वैश्विक बाजारों में सोने की मजबूती के कारण हुई है। अमेरिका द्वारा घोषित नए वाहन शुल्क ने वैश्विक जोखिम धारणा को बढ़ावा दिया, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत 34.77 डॉलर बढ़कर 3,054.05 डॉलर प्रति औंस हो गई है, जो अब तक के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर के करीब है। इससे सोने की मांग भी बढ़ी है और इसके चलते Gold Rate में तेजी आई है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी के अनुसार, अमेरिका के नए शुल्क की घोषणा ने वैश्विक अस्थिरता को बढ़ावा दिया, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही, एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक जतीन त्रिवेदी ने बताया कि अमेरिका के जीडीपी आंकड़ों में गिरावट और नए शुल्क की संभावना के कारण सोने की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है।
इसके अलावा, अमेरिकी नीतियों के बारे में बढ़ती चिंताओं और वैश्विक अस्थिरता के कारण केंद्रीय बैंक भी सोना जमा कर रहे हैं, जिससे इसकी मांग और कीमतों में वृद्धि हो रही है। अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता के अनुसार, अमेरिकी नीतियों और वैश्विक अस्थिरता के कारण सोने की कीमतों में यह वृद्धि हो रही है।
चांदी की कीमतों में भी बढ़ोतरी
सोने के साथ-साथ Gold Rate के प्रभाव से चांदी की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। चांदी की कीमत 200 रुपये बढ़कर 1,01,700 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि बुधवार को यह 1,01,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी। यह बढ़ोतरी भी सोने की कीमतों में हो रही वृद्धि के कारण है, क्योंकि चांदी और सोना दोनों कीमती धातुएं होती हैं और एक-दूसरे से प्रभावित होती हैं।
आगे क्या होगा?
निवेशकों की नजर अब शुक्रवार को जारी होने वाले अमेरिकी व्यक्तिगत उपभोग व्यय (PCE) आंकड़ों पर है, क्योंकि ये आंकड़े फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा, बाजार फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के बयानों पर भी नजर रखेगा, जो भविष्य की ब्याज दरों और वित्तीय नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं। इन आंकड़ों और बयानों के बाद Gold Rate में और भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

कंक्लुजन
Gold Rate में हाल ही में आई तेजी वैश्विक बाजारों की स्थिति और अमेरिकी नीतियों के कारण है। सोने की कीमतें 91,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई हैं और चांदी की कीमतों में भी वृद्धि हो रही है। यह बढ़ोतरी अस्थिर वैश्विक स्थिति और अमेरिकी नीतियों के कारण हुई है, जो आगे भी Gold Rate को प्रभावित कर सकती हैं। निवेशकों को इनकी बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश के फैसले लेने होंगे। आने वाले दिनों में, अमेरिकी आंकड़े और फेडरल रिजर्व की नीतियों के आधार पर Gold Rate में और भी बदलाव हो सकते हैं।
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