नमस्ते दोस्तों, आज हम बात करेंगे दिलजीत दोसांझ की बहुप्रतीक्षित फिल्म Panjab 95 के बारे में, जिसकी रिलीज़ एक बार फिर टल गई है। इस फिल्म को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिनमें से सबसे बड़ी समस्या सेंसर बोर्ड से 120 कट्स और फिल्म फेस्टिवल से हटाने की थी। तो आइए जानते हैं कि इस फिल्म को क्यों इतना मुश्किल समय मिला और इसके पीछे की पूरी कहानी।
Panjab 95 की कहानी और इसका महत्व
Panjab 95, एक राजनीतिक थ्रिलर है, जो मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की ज़िंदगी और उनकी मृत्यु पर आधारित है। जसवंत सिंह खालरा ने पंजाब पुलिस द्वारा कथित फर्जी मुठभेड़ों में मारे गए सिख युवाओं के खिलाफ आवाज़ उठाई थी और सैंकड़ों अनजान शवों के सामूहिक दाह संस्कार के मामले की जांच की थी। उनकी मौत 1995 में रहस्यमय तरीके से हो गई थी, और एक दशक बाद 2005 में पुलिस अधिकारियों को उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
यह फिल्म खालरा की ज़िंदगी और उनके संघर्ष को एक सच्चे और ईमानदार तरीके से दर्शाने का वादा करती है, जो राज्य के संवेदनशील इतिहास से जुड़ा हुआ है। यही वजह है कि इस फिल्म ने कई लोगों को असहज कर दिया है और इसके खिलाफ राजनीतिक ताकतों का दबाव भी देखा गया।
क्यों टली Panjab 95 की रिलीज़?
फिल्म के निर्माताओं ने पहले इस फिल्म को 7 फरवरी को रिलीज़ करने की योजना बनाई थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे टाल दिया गया। दिलजीत दोसांझ और अन्य कलाकारों ने सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी दी और माफी मांगी कि फिल्म अब तय तारीख पर रिलीज़ नहीं हो पाएगी। फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि कुछ परिस्थितियाँ इसके रिलीज़ में आ रही रुकावट का कारण हैं।
120 सेंसर कट्स और नाम बदलने की कहानी
फिल्म पहले ‘घालूघारा’ नाम से बनाई जा रही थी, जो 1984 के बाद पंजाब में हुए खून-खराबे और अत्याचारों को दिखाती थी। 2022 में इस फिल्म को सेंसर बोर्ड में पेश किया गया था, लेकिन बोर्ड ने इसमें 120 कट्स की मांग की और नाम में भी बदलाव करने का सुझाव दिया। इसके बाद, फिल्म का नाम बदलकर Panjab 95 रखा गया। इस बदलाव के बावजूद, फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर लांच होते ही हटा लिया गया था।
टोरंटो फिल्म फेस्टिवल से बाहर क्यों हुई फिल्म?
2023 में, फिल्म को टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए चुना गया था, लेकिन एक दिन पहले ही इसे लाइन-अप से हटा लिया गया। यह भी कहा जा रहा है कि इस फिल्म को हटाने के पीछे राजनीतिक दबाव था, क्योंकि कनाडा में सिखों की सबसे बड़ी आबादी है और वहां पर इस फिल्म को लेकर संवेदनशीलता हो सकती थी।
Panjab 95 एक ऐसी फिल्म है, जो केवल जसवंत सिंह खालरा के जीवन को ही नहीं, बल्कि पंजाब के उस समय के राजनीतिक माहौल को भी बेनकाब करती है। इसकी रिलीज़ की समस्याओं और सेंसर बोर्ड के कट्स ने इस फिल्म के निर्माताओं और कलाकारों को भारी मुश्किलों का सामना करवा दिया है। लेकिन, अगर यह फिल्म अंततः रिलीज़ होती है, तो यह निश्चित ही एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बनेगी, जो पंजाब के इतिहास को एक नई दृष्टि से पेश करेगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यह लेखक की व्यक्तिगत राय पर आधारित नहीं है, बल्कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।
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