Health Care: प्राचीन काल से ही बहुत से लोगों का यह मानना है, कि कुत्ते के काटने पर हल्दी और मिर्च लगाने से रेबीज से बचाव हो सकता है। यह एक बहुत ही पुरानी मान्यता है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या सच में हल्दी और मिर्च लगाने से रेबीज का खतरा टल सकता है। इस आर्टिकल में हम इस टॉपिक पर चर्चा करेंगे और जानेंगे की रेबीज से बचने के सही तरीके क्या है?
कुत्ते के काटने पर हल्दी और मिर्च लगाने की मान्यता:
पुराने वक्त में जब चिकित्सा सुविधा मौजूद नहीं होती थी, तब लोग घरेलू नुस्खे पर ज्यादा भरोसा करते थे। हल्दी और मिर्च को एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक माना जाता है, जो घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। इन्हीं की वजह से जब किसी व्यक्ति को कुत्ता काट लेता है, तो लोग उसके ज़ख्म पर हल्दी और मिर्च लगते हैं। हालांकि यह केवल बाहरी संक्रमण से बचाव कर सकता है, लेकिन रेबीज जैसी घातक बीमारी को रोकने में इसका कोई असर नहीं है। आज भी बहुत से लोग इस अंधविश्वास पर भरोसा करते हैं, लेकिन यह एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम होता है।
रेबीज क्या है? और यह कैसे फैलता है:
रेबीज एक वायरस संक्रमण है, जो आमतौर पर कुत्ते या किसी दूसरे संक्रमित जानवरों के काटने से फैलता है। यह वाइरस जानवर की लार के जरिए इंसान के शरीर में आता है, और धीरे-धीरे नर्व सिस्टम पर असर डालता है। अगर वक्त रहते इसका सही से इलाज न किया जाए, तो यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। रेबीज के लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बेचैनी, लकवा, पानी से डर लगना और कोमा जैसी गंभीर स्तिथियां शामिल होती हैं। एक बार जब यह वाइरस दिमाग तक पहुंच जाता है, तो इसे ठीक करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
क्या सच में हल्दी और मिर्च लगाने से रेबीज रुक जाता है:
एक्सपर्ट का मानना है कि हल्दी और मिर्च लगाने से रेबीज वायरस पर कोई भी असर नही पढ़ता है यह सिर्फ एक अंधविश्वास है और कुछ नही, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। हल्दी और मिर्च संक्रमण को रोकने के लिए बहुत हल्का एंटीसेप्टिक असर दिखा सकते हैं, लेकिन यह रेबीज वायरस को शरीर में प्रवेश करने से नहीं रोक सकता हैं। अगर कोई इंसान कुत्ते के काटने के बाद से घरेलू उपाय पर निर्भर रहता है और सही इलाज नहीं करता तो उसकी जान को खतरा हो सकता है ।
रेबीज से बचाव के सही तरीके:
1. अगर किसी कुत्ते ने आपको काट लिया है, तो सबसे पहले उस जगह को साबुन और साफ पानी से कम से कम 10 से 15 मिनट तक धोएं। इस से वायरस का असर कुछ हद तक कम हो सकता है।
2. कुत्ते के काटने के बाद बिना वक्त गवाए नजदीकी अस्पताल में जाए, और डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर घाव की स्थिति को देखकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने की सलाह देंगे।
3. रेबीज से बचने के लिए एंटी रेबीज वैक्सीन ही सुरक्षित तरीका है। कुत्ते के काटने के बाद 24 से 48 घंटे के अंदर ही वैक्सीन लगवाना जरूरी होता है। वैक्सीन की पूरी डोज लेने से रेबीज का खतरा पूरी तरह से टल जाता है।
4. हल्दी, मिर्च, तेल, नींबू या कोई दूसरे घरेलू उपाय घाव पर लगाने से बचें, क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है और सही इलाज में देरी हो सकती है।
निष्कर्ष:
यह साफ है कि कुत्ते के काटने पर हल्दी और मिर्च लगाने से रेबीज का खतरा कम नहीं होता है। यह सिर्फ एक अंधविश्वास है, जिस पर भरोसा करना बहुत ही गलत साबित हो सकता है। रेबीज से बचाव के लिए सबसे जरूरी है, कि प्रभावित जगह को साफ करें। डॉक्टर से संपर्क करें और एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं। इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है ताकि किसी की जान खतरे में न पड़े।
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