Smartphones and Childrens: आजकल की छोटे बच्चों में यहां बहुत देखा जा रहा है कि उनके द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग अधिकाधिक किया जा रहा है. कहीं ना कहीं ऐसा करने से उनका ही नुकसान हो रहा है.
पेरेंट्स को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि उनका बच्चा स्मार्टफोंस का उपयोग कितना ज्यादा कर रहा है. इससे बच्चे की भविष्य और सेहत दोनों पर बुरा असर पड़ता है.
Smartphones and Childrens
आजकल के छोटे बच्चों में स्मार्ट फोन में गेम खेलने और यूट्यूब पर कार्टून देखने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. बच्चों के पेरेंट्स को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यह आदत आगे चलकर बच्चों के लिए एक बड़ी दुविधा बन सकती है.

ज्यादा मोबाइल फोन और टीवी का उपयोग करने से बहुत ही कम उम्र में बच्चों को कमजोर आंखों की परेशानी हो जाती है और उन्हें चश्मा लग जाता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आप अपने बच्चों को इन स्मार्टफोन से दूर कैसे रख सकते हैं.
स्मार्टफोन बना आत्महत्या का कारण
पिछले कुछ सालों में ऐसे के देखेगा में जहां पर यदि बच्चा स्मार्टफोन का बहुत उपयोग करता है और पेरेंट्स के द्वारा उसे स्मार्टफोन नहीं दिया जाता तो बच्चों के द्वारा आत्महत्या कर ली गई है या आत्महत्या करने का प्रयास किया गया है.
यह बिल्कुल सही बात नहीं है इस पर ध्यान देने की सख्त आवश्यकता है.
हो सकता है वर्चुअल ओटिज्म
ऐसा देखा गया है कि वह बच्चे जिन्हें 5 साल से कम उम्र में मोबाइल फोन दे दिया जाता है फिर उन्हें बोलने और समझने में बहुत दिक्कत जाती है. इसे ही वर्चुअल ऑटिज्म कहा गया है.
यदि आपका बच्चा 5 साल से कम उम्र का है और उसे लैपटॉप कंप्यूटर या मोबाइल फोन की लत लग चुकी है तो इसे छुड़वाने की आवश्यकता है. अन्यथा आगे चलकर उसे बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
WHO ने पेश की रिपोर्ट
डब्ल्यूएचओ के द्वारा पेश गई रिपोर्ट के अनुसार यह मालूम पड़ा है कि 10 से 14 वर्ष के 83% बच्चे स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं। 15 साल से ज्यादा उम्र के 88% बच्चे स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि इंटरनेशनल यह आंकड़ा केवल 76% है.

इसका समाधान देती में यह बताया गया है कि बच्चों का स्क्रीन टाइम निर्धारित कर देना चाहिए. और उन्हें आउटडोर स्पोर्ट्स खेलने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए. यही नहीं पेरेंट्स को भी अपने बच्चों को टाइम देना चाहिए जिससे ऐसी गैजेट्स से उनकी दूरी बनेगी और उन्हें मोबाइल फोन की लग भी नहीं लगेगी.
कैसे रखें बच्चों को स्मार्टफोन से दूर
यह सही बात है कि आजकल टेक्नोलॉजी से जुड़ना एक अच्छी बात है लेकिन उसकी लत लगा लेना यह बहुत ही बुरी बात है. छोटे बच्चों में अक्सर यह देखा गया है कि वे बिना कार्टून देखें या बिना गेम खेले खाना नहीं खाते हैं. पेरेंट्स भी बच्चों का मन बहलाने के लिए उन्हें ऐसे गैजेट्स दे देते हैं जबकि यह बहुत गलत है.
- बच्चों को स्मार्टफोन और गैस से दूर रखने के लिए डॉक्टर और मनोवैज्ञानिकों द्वारा कुछ सुझाव दिए गए हैं जो निम्नलिखित-
- कम उम्र में बच्चों को उनका पर्सनल स्मार्टफोन कभी ना दें.
- बच्चों के लिए वाईफाई बंद कर दो.
- स्क्रीन टाइम पर लिमिट सेट कर दे.
- मोबाइल को पासवर्ड प्रोटेक्टेड रखें और बच्चों को पासवर्ड ना बताएं.
- बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करें.
- बच्चों को पास ले जाकर आउटडोर एक्टिविटी करवाएं.
यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत बहुत अच्छी बन जाएगी इसकी सातवा थोड़ा-थोड़ा करके टेक्नोलॉजी से भी जुड़ पाएगा.
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