Yoga Tips: हमारे देश के प्राचीन ग्रंथों में योग को कितना महत्व दिया गया है यह तो आप जानते ही होंगे. योग मुद्राओं की अभ्यास से आप बड़ी से बड़ी बीमारी को भी आसानी से शरीर से दूर भगा सकते हैं. आज के समय में सरकार द्वारा भी भारतीय योग संस्कृति को हर देश में पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.
यह तो आप जानते ही होंगे कि योग मुद्राओं का अभ्यास करना शारीरिक और मानसिक रूप से हमें मजबूत बनाता है.आज इस आर्टिकल में है आपको ऐसे योग मुद्रा बताने वाले हैं जिससे सॉन्ग संबंधी सभी बीमारी खत्म हो जाएंगी.
Yoga Tips
जिस योग मुद्रा की बात हम कर रहे हैं वह है आदि मुद्रा. यदि इस मुद्रा का प्रतिदिन अभ्यास किया जाए तो स्वास संबंधी सभी बीमारी शरीर से दूर करी जा सकती है. इतना ही नहीं इसके अलावा इस मुद्रा का अभ्यास करने के और भी बहुत से फायदे हैं. जिनके बारे में हम आगे जानने वाले हैं.
फेफड़ों की सूजन से मिलेगी राहत
आदि योग मुद्रा का निरंतर अभ्यास करने से आपको फेफड़ों से संबंधित सभी बीमारी से निजात मिल सकती है.इतना ही नहीं यदि इस मुद्रा का प्रतिदिन अभ्यास किया जाए तो स्वसन तंत्र और भी मजबूत होता है फेफड़ों की सूजन भी कम की जा सकती है इसी के साथ फेफड़ों में होने वाले इन्फेक्शन से भी बचा जा सकता है.

इस मुद्रा का प्रतिदिन अभ्यास करने से ब्रोंकाइटिस व अस्थमा जैसी बीमारियों में भी बहुत लाभ होता है.
जुकाम में आराम मिलता है
यदि जुकाम के चलते आपको अक्सर फेफड़ों में इन्फेक्शन जैसा महसूस होता है और सांस लेने में दिक्कत आती है. तो आपको आदि योग मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए ऐसा करने से सर्दी जुकाम में बहुत आराम मिलता है. इसके अलावा फेफड़ों में मजबूती भी आती है.जिससे हमारा स्वसन तंत्र सालों साल तक सही तरीके से काम करता रहता है.
खर्राटे की समस्या होती है दूर
यदि आपको सोते वक्त खर्राटे लेने की आदत है तो आदि योग मुद्रा के अभ्यास के साथ आप इस आदत को भी दूर कर सकते हैं. इस योग मुद्रा के करने से आपके तंत्रिका तंत्र आराम मिलता है और मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे खर्राटे लेने की समस्या को कम किया जा सकता है.
यदि लंबे समय तक इस योग मुद्रा का अभ्यास किया जाए तो खर्राटे की समस्या को जड़ से खत्म भी किया जा सकता है.
आदि योग मुद्रा के अभ्यास करने का तरीका
यदि आप इस योग मुद्रा का अभ्यास करना चाहते हैं तो हम आपको इस योग मुद्रा को अभ्यास करने का सही तरीका बताने वाले हैं.
इस योग मुद्रा का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम सुखासन में बैठे हैं और अपने मन को शांत करें.

इसके पश्चात अपने हाथों को मिलाते हुए अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करें.
अब हाथ की मुट्ठी बनाएं और अंगूठे को अंदर की ओर रखें.
इस आसन को 15 से 20 मिनट तक दोहराएं. यदि आप इस आदि योग मुद्रा का अभ्यास प्रतिदिन करते हैं तो सांस से संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं.
यदि आपको किसी भी प्रकार की मेडिकल कंडीशन है तो इस योग मुद्रा का अभ्यास अपने डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करें.
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