क्या आप भी बन सकते हैं PM Vishwakarma Yojana के लाभार्थी? जानें पात्रता और मिलने वाले शानदार लाभ

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PM Vishwakarma Yojana: सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इसके माध्यम से सीधे तौर पर आर्थिक सहायता या अन्य प्रकार के लाभ दिए जाते हैं। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और व्यापारियों को सशक्त बनाना है। इस योजना से जुड़े लोग विभिन्न प्रकार के लाभ उठा सकते हैं, जैसे- आर्थिक सहायता, टूलकिट प्रदान करना, और सस्ता लोन। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कौन लोग इस योजना के लिए पात्र हैं और इसके अंतर्गत कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं।

PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और दस्तकारों को सशक्त करना है, जिनके पास कौशल तो है, लेकिन आर्थिक सहयोग की कमी के कारण वे अपनी कला को उन्नत नहीं कर पाते। इस योजना के माध्यम से उन्हें कौशल विकास के साथ आर्थिक सहायता भी मिलती है, ताकि वे अपना व्यापार आगे बढ़ा सकें और समाज में अपनी जगह बना सकें।

PM Vishwakarma Yojana में पात्रता के लिए जरूरी शर्तें

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता शर्तें तय की गई हैं। इसमें प्रमुख रूप से आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा, यह योजना केवल उन लोगों के लिए है जो पारंपरिक कारीगरी और दस्तकारी के काम में लगे हुए हैं।

PM Vishwakarma Yojana

PM Vishwakarma Yojana की पात्रता सूची में कौन-कौन लोग आते हैं?

भारत सरकार ने 18 पारंपरिक व्यापारों को इस योजना के अंतर्गत रखा है। नीचे दी गई सूची में आप देख सकते हैं कि कौन लोग इसके लिए पात्र हैं:

  • सुनार: जो लोग सोने-चांदी के आभूषण बनाने का काम करते हैं।
  • खिलौना और गुड़िया निर्माता: पारंपरिक तरीके से खिलौने और गुड़िया बनाने वाले।
  • नाई: जो बाल काटने का काम करते हैं।
  • मालाकार: जो फूलों की मालाएं बनाते हैं।
  • धोबी: कपड़े धोने वाले व्यक्ति।
  • दर्जी: कपड़े सिलने वाले।
  • टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले: जो लोग ये वस्तुएं बनाते हैं।
  • ताला निर्माता: जो ताले बनाने का काम करते हैं।
  • राजमिस्त्री: जो मकान और इमारतों का निर्माण करते हैं।
  • नाव निर्माता: जो नाव बनाने का काम करते हैं।
  • लोहार: जो लोहे के औजार और अन्य सामान बनाते हैं।
  • मूर्तिकार: जो मूर्तियां गढ़ने का काम करते हैं।
  • पत्थर तराशने और तोड़ने वाले: जो पत्थरों की कारीगरी करते हैं।
  • हथौड़ा और टूलकिट निर्माता: जो कारीगरी के लिए औजार बनाते हैं।
  • मोची: जूते बनाने और मरम्मत करने वाले कारीगर।
  • फिशिंग नेट निर्माता: जो मछली पकड़ने के जाल बनाते हैं।

PM Vishwakarma Yojana के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

इस योजना में जुड़ने पर लाभार्थियों को कई महत्वपूर्ण सुविधाएं मिलती हैं। सबसे पहले उन्हें 5-7 दिनों का बुनियादी कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसके लिए उन्हें प्रशिक्षण अवधि तक 500 रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं। इसके अलावा, उन्हें टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

PM Vishwakarma Yojana
PM Vishwakarma Yojana

यही नहीं, योजना के तहत लाभार्थियों को व्यवसाय के विस्तार के लिए लोन भी दिया जाता है। पहले चरण में एक लाख रुपये का लोन और फिर दूसरे चरण में दो लाख रुपये तक का अतिरिक्त लोन प्राप्त किया जा सकता है। इस लोन पर बहुत ही कम ब्याज दर लगाई जाती है, जिससे कारीगरों को अपने काम को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।

कंक्लुजन

PM Vishwakarma Yojana उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो पारंपरिक कारीगरी और दस्तकारी में लगे हुए हैं। इस योजना के माध्यम से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरती है, बल्कि उन्हें अपनी कला और कौशल को और भी निखारने का मौका मिलता है। अगर आप भी इस योजना के पात्र हैं, तो तुरंत आवेदन करें और इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठाएं।

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My Name is Harsh Tiwari, I Work as a Content Writer for Dailynews24 and I like Writing Articles

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