8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं। सभी की उम्मीदें इस आयोग से जुड़ी हैं, खासकर उन लोगों की जो पेंशन और अन्य भत्तों में बढ़ोतरी चाहते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इस बार पेंशन में बढ़ोतरी होगी? 7वें वेतन आयोग के समय भी पेंशन बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि पेंशन क्यों नहीं बढ़ाई गई और 8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें की जा सकती हैं।
8th Pay Commission और पेंशन में बढ़ोतरी की उम्मीद
7वें वेतन आयोग के समय केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी उम्मीदें थीं कि उनकी पेंशन में बढ़ोतरी होगी। कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने इस मांग को सरकार के सामने रखा था कि मौजूदा 50% पेंशन दर को बढ़ाकर ज्यादा किया जाए। साथ ही, पारिवारिक पेंशन को भी 30% से बढ़ाकर 50% करने की मांग की गई थी।
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हालांकि, आयोग ने इस पर सहमति नहीं दी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि वेतन ढांचे को बदलने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त भार पड़ेगा, इसलिए पेंशन की मौजूदा दरों को बनाए रखना ही उचित होगा।
8th Pay Commission ने पेंशन क्यों नहीं बढ़ाई?
7वें वेतन आयोग ने पेंशन दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इसका मुख्य कारण यह था कि वेतन संरचना में बदलाव के चलते पेंशन पहले ही बढ़ रही थी। आयोग ने सरकार से इस पर विचार करने को कहा, लेकिन सरकार ने भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
पेंशन की गणना के लिए सरकार पहले से ही अंतिम वेतन या पिछले 10 महीनों की औसत सैलरी का 50% लेती है। 6वें वेतन आयोग में 33 साल की क्वालिफाइंग सेवा की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया था, जिससे कर्मचारियों को अधिक लाभ मिला।
8th Pay Commission से क्या उम्मीदें हैं?
अब 8वें वेतन आयोग से एक बार फिर पेंशनधारकों को उम्मीदें हैं। इस बार नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने सुझाव दिया है कि पेंशन और ग्रैच्युटी को टर्म्स ऑफ रेफरेंस में शामिल किया जाए और मौजूदा दरों की समीक्षा की जाए।
इस आयोग से उम्मीद की जा रही है कि यह वेतन और पेंशन में संतुलन बनाएगा और सरकारी कर्मचारियों के लिए नए लाभ लेकर आएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अप्रैल 2025 में आयोग के गठन की घोषणा की थी, और अगले साल तक इसकी सिफारिशें लागू हो सकती हैं।
फिटमेंट फैक्टर की मांग
सरकारी कर्मचारियों की ओर से इस बार फिटमेंट फैक्टर को लेकर भी मांग उठाई जा रही है। फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर पड़ता है। छठे और सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन कर्मचारियों की मांग पूरी तरह से नहीं मानी गई थी। इस बार सभी स्तरों के कर्मचारियों के लिए एक समान फिटमेंट फैक्टर की मांग की जा रही है।
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कंक्लुजन
8th Pay Commission से पेंशनधारकों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हो सकीं। आयोग ने आर्थिक कारणों का हवाला देते हुए पेंशन दरों को यथावत रखा। हालांकि, 8वें वेतन आयोग से एक बार फिर कर्मचारियों और पेंशनधारकों को वेतन और भत्तों में वृद्धि की उम्मीद है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस बार क्या फैसले लेती है और पेंशन को लेकर क्या नए बदलाव होते हैं।
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