PM Kusum Yojana: देश के किसानों के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उनमें से एक है प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना। यह एक ऐसी योजना है जो देशभर के किसानों को सस्ती और सुलभ बिजली उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई है। योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप उपलब्ध कराए जाते हैं। इस तरह किसानों की बिजली और डीजल पर निर्भरता कम करने की कोशिश है। यह योजना किसानों के खर्च को बचाती है। और लागत को कम करती है। इस योजना की कई विशेषताएं हैं। जिनके बारे में हम नीचे विस्तृत बिंदुओं में जानेंगे। पढ़ें योजना से जुड़ी 10 अहम बातें।
PM Kusum Yojana: किसानों को डीजल और बिजली से मुक्ति
इस योजना का उद्देश्य किसानों को डीजल और बिजली से मुक्ति दिलाना है। साथ ही स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना। उनकी आय में वृद्धि करना और पर्यावरण प्रदूषण को कम करना है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर 10,000 मेगावाट तक का सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं। वे सौर ऊर्जा से संचालित मोटर पंप भी स्थापित कर सकते हैं। योजना के तहत कोई भी व्यक्तिगत किसान। जल उपयोगकर्ता संघ, पैक्स या समूह आधारित सिंचाई योजना का लाभ उठा सकता है। पीएम-कुसुम योजना के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध है। इस संबंध में किसानों को सब्सिडी भी मिलती है।
PM Kusum Yojana: कुल राशि 33 लाख रुपये
योजना के तहत, डिस्कॉम को सौर ऊर्जा से संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए 40 पैसे प्रति किलोवाट या 6.60 लाख रुपये प्रति मेगावाट, जो भी कम हो, की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। डिस्कॉम को संयंत्र के वाणिज्यिक संचालन की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए खरीद आधारित प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है । इसलिए, DISCOMs को देय खरीद-आधारित प्रोत्साहन की कुल राशि 33 लाख रुपये प्रति मेगावाट है।
PM Kusum Yojana: 30 प्रतिशत भुगतान
यदि कोई किसान व्यक्तिगत रूप से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहता है। तो उसे नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी संदर्भ लागत का 30 प्रतिशत भुगतान करना होगा। हालाँकि, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह सहित पूर्वोत्तर राज्यों में, एमएनआरई द्वारा जारी संदर्भ लागत का 50 प्रतिशत केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ उपलब्ध है।
PM Kusum Yojana: योजना के कुछ नियम
इसके अलावा संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को लाभार्थी को कम से कम 30 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी। शेष लागत का योगदान लाभार्थी द्वारा किया जाएगा। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के कुछ नियम राज्य की 30 फीसदी भागीदारी के बिना भी लागू किये जा सकते हैं। केंद्रीय वित्तीय सहायता 30 प्रतिशत जारी रहेगी और शेष 70 प्रतिशत किसान द्वारा वहन किया जाएगा। कृषि फीडरों के सौर्यीकरण के लिए प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ रुपये तक की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
कैसे करें आवेदन
- सबसे पहले राज्य कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होम पेज पर पीएम कुसुम पंजीकरण विकल्प पर क्लिक करें।
- आपके सामने पीएम कुसुम आवेदन पत्र खुल जाएगा।
- आवेदन पत्र में मांगी गई जानकारी दर्ज करें।
- अब दस्तावेज अपलोड करें।
- अब सेंड ऑप्शन पर क्लिक करें।
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