Fasal Bima Yojana: घर बैठे चेक करे फसल बीमा योजना का स्टेटस! यहाँ देखे पूरी डिटेल्स

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Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री Fasal Bima Yojana का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करना है। लेकिन समय के साथ ऐसा लग रहा है। कि जिस उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई थी। वह पूरा नहीं हो पा रहा है। किसानों को आपदा से उबारने वाली योजना अब आपदा में फंस गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक करनाल समेत सात जिलों के किसानों को Fasal Bima Yojana का लाभ नहीं मिल पाएगा। इस बार कोई भी बीमा कंपनी इन जिलों में काम नहीं कर पाई है। यह योजना वर्ष 2016 में शुरू की गई थी। योजना के तहत पिछले साल करनाल के 79 किसानों को फसल नुकसान पर 6 लाख रुपये का मुआवजा मिला था।

Fasal Bima Yojana: बारिश से फसलें खराब

हाल ही में हरियाणा में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। लेकिन इस बार करनाल में Fasal Bima Yojana लागू नहीं की गई। बड़ा सवाल यह है कि किसान अपनी फसलों का बीमा कैसे कराएं? सरकार की इसी लापरवाही के कारण किसानों को जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस योजना के तहत करनाल के किसानों को अब तक कुल 84.23 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है। पिछले साल करनाल के कुल 79 किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे के तौर पर 6 लाख रुपये का मुआवजा मिला था।

Fasal Bima Yojana
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इन जिलों में कंपनी नहीं आयी

इस बार प्रदेश के करनाल, अंबाला, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम को Fasal Bima Yojana के लिए कोई बीमा कंपनी नहीं मिली है। फसल के नुकसान की भरपाई के लिए किसान फसल की लागत का डेढ़ फीसदी प्रीमियम बीमा के तौर पर लेते हैं।

12 हजार एकड़ फसल हुई प्रभावित

हाल ही में करनाल समेत कई जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई। 12 हजार हेक्टेयर में गेहूं व सरसों की फसल प्रभावित हुई। प्रभावित फसलों का मूल्यांकन कृषि विभाग द्वारा किया गया। हालाँकि, Fasal Bima Yojana के तहत प्रभावित फसलों के लिए कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

Fasal Bima Yojana
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Fasal Bima Yojana सरकार को फसलों का बीमा करना चाहिए

किसानों का कहना है कि फसलों का बीमा निजी कंपनी के माध्यम से कराया जाता है। निजी कंपनी पूरे शहर को एक कर देती है। और किसानों की फसल सुनिश्चित हो जाती है। यदि किसी आपदा के कारण पूरे गांव की 70 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो जाती है तो मुआवजा दिया जाता है। किसानों का कहना है कि सभी लोगों की फसल बर्बाद हो गयी है। सरकार को पूरे गांव का आकलन करने के बजाय फसलों का बीमा करना चाहिए और प्रत्येक किसान को नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।

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Taiba Rahi

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