Shani Pradosh का दिन शनि देव के प्रभाव को शांत करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शनि का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख का कारण बन सकता है। जन्मकुंडली में शनि का विशेष स्थान होता है, और जब शनि का प्रभाव विपरीत होता है, तो व्यक्ति को साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे कष्टों का सामना करना पड़ता है।
24 मई 2025 को शनि प्रदोष का दिन है, और इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कई प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं। इन उपायों के माध्यम से शनि के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में समृद्धि और शांति का वास हो सकता है।
Shani Pradosh और हनुमान जी की भूमिका
पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी ने शनि देव का घमंड तोड़ा था, और शनि देव ने वचन दिया था कि वे हनुमान जी के भक्तों को कभी कष्ट नहीं देंगे। इसलिए, शनि प्रदोष के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि के कष्टों को कम किया जा सकता है। Shani Pradosh के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा और उपायों से शनि के प्रभाव को शांत किया जा सकता है। शनि प्रदोष के दिन हनुमान जी के आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि आ सकती है।
Shani Pradosh पर किए जाने वाले उपाय
Shani Pradosh के दिन शनि के कष्टों को दूर करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रभावी उपायों का पालन करने से शनि के दोषों को दूर किया जा सकता है।
पहला और महत्वपूर्ण उपाय है हनुमान मंदिर में जाकर काजल चढ़ाना। यह उपाय शनि के कष्टों को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा, उड़द के दानों पर सिंदूर लगाकर हनुमान जी पर अर्पित करना भी एक प्रभावी उपाय है। ऐसा माना जाता है कि इससे शनि के प्रभाव को शांत किया जा सकता है और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
हनुमान जी के चित्र पर गाय के घी का दीपक जलाना भी एक प्रभावी उपाय है। दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और शनि के प्रभाव को कम किया जा सकता है। शनि प्रदोष के दिन हनुमान जी के चित्रपट अथवा मूर्ति पर पीपल के पत्तों की माला चढ़ाना भी एक लाभकारी उपाय है।
Shani Pradosh और हनुमान जी की पूजा के साथ मंत्र जाप
Shani Pradosh के दिन हनुमान जी की पूजा के दौरान सिर से नारियल आठ बार वारकर हनुमान जी के चरणों में रखना भी एक महत्वपूर्ण उपाय है। इसके अलावा, दक्षिणमुखी हनुमान जी की पूजा के साथ मूंगे की माला से एक विशेष मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से शनि के कष्ट कम होते हैं और हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
यह मंत्र है:
वंदे सिंदूरवर्णाभं लोहितांबरभूषितम्।
रक्तागंरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥
यह मंत्र श्री लोकेश्वर भट्ट द्वारा रचित हनुमत्ताण्डव स्तोत्र से लिया गया है। इस मंत्र का जाप शनि प्रदोष के दिन विशेष रूप से किया जाता है।
Shani Pradosh का महत्व
Shani Pradosh का दिन शनि देव के प्रभाव को शांत करने और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। शनि प्रदोष के दिन किए गए उपाय शनि के कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं। हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ अन्य उपायों का पालन करने से शनि के दोष समाप्त हो सकते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास हो सकता है।
कंक्लुजन
Shani Pradosh के दिन शनि देव की पूजा और विशेष उपायों का पालन करने से शनि के प्रभाव को शांत किया जा सकता है। हनुमान जी की पूजा और मंत्र जाप से शनि के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन के महत्व को समझते हुए, यदि आप इन उपायों का पालन करते हैं, तो शनि प्रदोष के दिन आपको जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। शनि प्रदोष पर किए गए उपाय न केवल शनि के प्रभाव को कम करते हैं बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का अनुभव भी कराते हैं।
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