8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी से कम नहीं है 8th Pay Commission की घोषणा। जैसे-जैसे इस आयोग को लेकर तैयारियां शुरू हो रही हैं, वैसे-वैसे सबसे ज्यादा चर्चा फिटमेंट फैक्टर को लेकर हो रही है। यही एक प्रमुख मापदंड है जो यह तय करता है कि कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी में कितना इज़ाफा होगा। फिलहाल 7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹18,000 तय हुआ था। अब 8वें वेतन आयोग में और अधिक बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
8th Pay Commission मुख्य जानकारी
श्रेणी | Details |
वर्तमान वेतन आयोग | 7th Pay Commission (2016 से लागू) |
आगामी वेतन आयोग | 8th Pay Commission (2025 से लागू होने की संभावना) |
पिछला फिटमेंट फैक्टर | 2.57 |
संभावित नया फैक्टर | 2.86 तक होने की उम्मीद |
₹10,000 बेसिक पर अनुमानित वेतन | ₹28,600 (2.86 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार) |
वेेतन गणना में शामिल | बेसिक पे, महंगाई भत्ता, अन्य अलाउंस |
प्रभावित वर्ग | केंद्रीय कर्मचारी, पेंशनर्स, PSUs आदि |
सरकार द्वारा मंजूरी | जनवरी 2025 में आयोग को स्वीकृति |

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और इसका महत्व
8th Pay Commission में सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण टॉपिक फिटमेंट फैक्टर है। यह एक मल्टीप्लायर यानी गुणनांक होता है जो मौजूदा बेसिक सैलरी को नए सैलरी ढांचे में बदलने में मदद करता है। यदि कोई कर्मचारी अभी ₹10,000 बेसिक सैलरी पर कार्यरत है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है, तो उसकी नई सैलरी ₹28,600 हो जाएगी।
यह गणना सिर्फ पे स्केल बढ़ाने की बात नहीं होती, बल्कि इसमें महंगाई भत्ता, HRA, और अन्य भत्तों को भी शामिल किया जाता है। इसलिए फिटमेंट फैक्टर जितना बड़ा होगा, कुल वेतन उतना ही अधिक होगा।
7वें वेतन आयोग ने कैसे तय किया था 2.57 का फिटमेंट फैक्टर
जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया गया था। यह बढ़ोतरी 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर हुई थी। इसके पीछे 1957 के 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशें थीं।
उस समय परिवार की औसत मासिक ज़रूरतें जैसे खाना, शिक्षा, बिजली, ईंधन, त्यौहार आदि जोड़कर ₹17,468.91 की लागत सामने आई थी। इस पर 125% महंगाई भत्ता जोड़ा गया और कुल राशि ₹17,992.98 तक पहुंच गई, जिसे गोल कर ₹18,000 किया गया।
8th Pay Commission में क्या हो सकता है बदलाव
अब जब सरकार ने 8th Pay Commission को मंजूरी दे दी है, तो सभी की नजरें इसके संभावित सुधारों पर हैं। जानकारों के अनुसार इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.92 से लेकर 2.86 के बीच हो सकता है। यदि यह 2.86 तय होता है, तो वेतन में लगभग 86% की सीधी बढ़ोतरी संभव है।
इससे कर्मचारियों को मिलने वाली कुल इनहैंड सैलरी में भी बड़ा बदलाव होगा। इतना ही नहीं, इससे पेंशनर्स को भी काफी फायदा पहुंचेगा क्योंकि उनकी पेंशन भी नए वेतन के अनुसार तय की जाएगी।
फिटमेंट फैक्टर में कितना हिस्सा होता है वेतन वृद्धि का
7वें वेतन आयोग ने जब 2.57 का फिटमेंट फैक्टर तय किया था, तब उसमें 2.25 हिस्सा महंगाई भत्ते और पुराने वेतन का था और बाकी हिस्सा यानी लगभग 0.32 असली सैलरी ग्रोथ था। 8th Pay Commission में भी ऐसी ही संरचना देखने को मिल सकती है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस बार वास्तविक वेतन वृद्धि का हिस्सा ज्यादा रखा जाएगा।
कब लागू हो सकता है 8th Pay Commission
सरकार ने जनवरी 2025 में इस आयोग को स्वीकृति दी है, और माना जा रहा है कि आयोग के गठन की घोषणा कुछ महीनों में हो जाएगी। रिपोर्ट तैयार होने में एक साल तक लग सकता है, और इसके बाद 2026 में यह लागू हो सकता है। हालांकि, इसका लाभ रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट (पूर्व-प्रभाव से) से भी मिल सकता है।

8th Pay Commission सिर्फ एक वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की जीवनशैली में सुधार लाने का जरिया है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 के करीब तय होता है तो यह अब तक का सबसे बड़ा इज़ाफा हो सकता है।
सरकार पर अब यह जिम्मेदारी है कि वह महंगाई और ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए ऐसा वेतन ढांचा बनाए जो कर्मचारियों की आशाओं पर खरा उतरे। आने वाले समय में जब आयोग अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, तो यह साफ हो जाएगा कि नए भारत के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी किस ऊंचाई तक जाएगी।
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