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Haryanvi Song: Chatak Chalungi Matak Chalungi नई बहू की ठसक भरा हरियाणवी गीत

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Chatak Chalungi Matak Chalungi शादी का माहौल जब अपने पूरे रंग में होता है, तो गीत-संगीत उसकी रूह बन जाते हैं। हरियाणवी शादियों में तो यह रिवायत और भी खास होती है, जहां हर रस्म, हर खुशी गीतों से सराबोर रहती है। ऐसे ही एक दिलचस्प और चटपटे गीत ने हाल ही में सबका दिल जीत लिया है अपने सुसरे के आगे बहुअड़ कैसे चालेगी इस गाने ने न सिर्फ दुल्हन की शरारतों को बल्कि हरियाणवी संस्कृति की मिठास को भी बड़े प्यारे अंदाज में पेश किया है।

जब लड़की ब्याह कर ससुराल आती है, तो उसके मन में एक अलग ही तरह की नमी और नटखटपन होता है। वह चाहती है कि नए रिश्तों में अपनेपन की मिठास घोले, मगर साथ ही अपनी पहचान भी बनाए रखे। इसी भावना को हरियाणवी गीत चटक चलूंगी मटक चलूंगी ने बहुत सुंदर तरीके से सामने रखा है। गीत में बहू का आत्मविश्वास झलकता है, जो कहती है कि वह ससुराल में भी अपनी ठसक और अदाओं के साथ चलेगी। वह अपने नए जीवन को पूरे जोश और शान से अपनाएगी, चाहे ससुराल वाले कुछ भी कहें। इस प्यारे गीत के बोल दिल को छू जाते हैं और एक हल्की-सी मुस्कान हर किसी के चेहरे पर ले आते हैं।

क्यों खास है यह हरियाणवी शादी गीत

“अपने सुसरे के आगे बहुअड़ कैसे चालेगी” केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह हर उस लड़की की भावनाओं का जिक्र करता है जो अपने नए जीवन की शुरुआत थोड़ी घबराहट, थोड़ी हिम्मत और बहुत सारी उम्मीदों के साथ करती है। गीत में गांव की मिट्टी की खुशबू भी है, देसी ठाठ भी, और बहू की खिलखिलाहट भी। जब शादी के फेरे पूरे हो जाते हैं और विदाई की घड़ी आती है, तो दिल भारी हो उठता है। ऐसे में जब संगीत के सुर बहते हैं, तो माहौल फिर से जीने लग जाता है। और जब यह गीत बजता है, तो नाचते-गाते चेहरे, ठिठोली करती सहेलियां, और झूमती बहुएं एक अलहदा ही समां बांध देती हैं।

नई पीढ़ी के लिए भी उतना ही खास

Haryanvi Song: Chatak Chalungi Matak Chalungi नई बहू की ठसक भरा हरियाणवी गीत

आज भले ही शादियों में डीजे और बॉलीवुड गाने छा गए हों, लेकिन जब “अपने सुसरे के आगे बहुअड़ कैसे चालेगी” जैसे गीत बजते हैं, तो पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं। नई पीढ़ी को भी यह समझ आता है कि हमारी लोक संस्कृति में कितनी गहराई और कितना अपनापन है। गीतों के जरिये रिश्तों की मिठास, हल्की-फुल्की शरारतें और जीवन के नए अध्याय की शुरुआत का जश्न बड़ी खूबसूरती से मनाया जाता है। यह गाना इस बात की मिसाल है कि लोकगीत आज भी हमारे दिलों के बेहद करीब हैं।

Disclaimer: यह लेख केवल मनोरंजन और सांस्कृतिक जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें प्रयुक्त गीत और उसकी भावनाएं लोक परंपराओं पर आधारित हैं। किसी भी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाना इसका उद्देश्य नहीं है। सभी सांस्कृतिक विविधताओं का पूरा सम्मान किया जाता है।

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