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Operation Sindoor: भारत ने पाक में घुसकर मारा Rafale से हमला, स्कैल्प मिसाइल का कहर सब तबाह!

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Operation Sindoor: भारत ने एक बार फिर अपने सैन्य कौशल से पूरी दुनिया को चौंका दिया है। हाल ही में हुए ‘Operation Sindoor’ के जरिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर ऐसा हमला बोला है, जिसकी गूंज अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सुनाई दे रही है। यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश था — भारत अपनी सीमाओं के खिलाफ किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। राफेल, मिग-29 और सुखोई जैसे घातक लड़ाकू विमानों के साथ, फ्रांस निर्मित स्कैल्प और हैमर बमों का उपयोग कर आतंकी अड्डों को चुन-चुनकर तबाह कर दिया गया।

ऑपरेशन की खासियत यह रही कि पूरी कार्रवाई इतने सटीक तरीके से की गई कि आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। यह दर्शाता है कि भारत सैन्य शक्ति के साथ मानवीय मूल्यों को भी सर्वोपरि मानता है। अब हर कोई जानना चाहता है — आखिर भारत ने ये कैसे किया? कौन से हथियार चले? और पाकिस्तान की अगली चाल क्या होगी?

Operation Sindoor: पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर सर्जिकल प्रहार

भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर बेहद सटीक और योजनाबद्ध तरीके से हमला किया। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बदले में की गई, जिसमें हमारे सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी। इस ऑपरेशन में खास बात यह रही कि आम नागरिकों को कोई क्षति न पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखा गया।

प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर वोमिका सिंह ने बताया कि भारतीय सेना ने चुनिंदा भवनों और संगठनों के ठिकानों को सटीकता से नष्ट किया। हालांकि, ऑपरेशन में प्रयुक्त हथियारों और विमानों की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई, परन्तु सूत्रों के मुताबिक, इसमें फ्रांस निर्मित स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर स्मार्ट बम का उपयोग किया गया।

राफेल, सुखोई और मिग-29 की संयुक्त रणनीति | Rafale, Sukhoi and Mig-29 Coordinated Airstrike

भारतीय वायु सेना के शक्तिशाली राफेल लड़ाकू विमानों ने इस ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभाई। इन विमानों ने स्कैल्प और हैमर जैसे आधुनिक हथियारों के जरिए आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। मिशन में मिग-29 और सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों ने भी सहयोग किया, जिससे पूरे हवाई हमले को मल्टी लेयर सुरक्षा और रणनीतिक कवर मिला।

इसके अतिरिक्त, सर्विलांस ड्रोन और P-8 बोइंग निगरानी विमान का उपयोग कर पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दिया गया और लक्ष्य स्थलों की सटीक मैपिंग की गई। यह वही निगरानी प्रणाली है जो गलवान संघर्ष के दौरान चीन के विरुद्ध भी इस्तेमाल की गई थी।

स्कैल्प और हैमर बम की ताकत क्या है?

स्कैल्प मिसाइल एक लॉन्ग रेंज ऑटोनोमस क्रूज मिसाइल है जो 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक 450 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। इसका कुल वजन 1300 किलोग्राम होता है और यह बेहद कम ऊंचाई पर उड़कर रडार की पकड़ से बचते हुए अपने लक्ष्य पर हमला करता है। इसे ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर आधारित माना जाता है, यानी एक बार टारगेट फिक्स हो जाने के बाद यह मिसाइल स्वत: ही कार्य करती है।

वहीं हैमर (HAMMER) बम एक प्रिसिजन गाइडेड एयर-टू-ग्राउंड हथियार है जो 70 किलोमीटर दूर तक के टारगेट पर सटीक हमला कर सकता है। इसके कई वर्जन हैं और इसे खास तौर पर शहरी या दुर्गम इलाकों में दुश्मन के अंदरूनी ठिकानों पर प्रहार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अब भारतीय वायुसेना इसे स्वदेशी तेजस विमान में भी एकीकृत कर रही है।

ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

इस ऑपरेशन की खास बात थी—सटीकता, रक्षा तकनीक का संतुलित उपयोग, और राजनीतिक संदेश। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंक के विरुद्ध उसकी नीति ज़ीरो टॉलरेंस की है और वो हर हमले का सटीक जवाब देगा। साथ ही, आम नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देकर यह दिखाया कि भारत केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि जिम्मेदार सैन्य राष्ट्र भी है। यह ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को और मजबूत करता है, खासकर उन देशों के बीच जो आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की मांग करते हैं।

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