PKVY: जैविक खेती यानी बिना रसायन वाली खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक खास योजना शुरू की है, जिसका नाम है परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)। इस योजना के ज़रिए सरकार किसानों को पैसा, ट्रेनिंग और जैविक खेती से जुड़ी मदद देती है। यह योजना प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) के तहत चलाई जा रही है।
PKVY को लेकर सरकार का उद्देश्य
PKVY योजना का मकसद है कि किसान रसायन वाली खेती छोड़कर जैविक खेती की तरफ बढ़ें। इससे खेती सस्ती होती है, फसल सेहतमंद होती है और बाजार में अच्छे दाम भी मिलते हैं। जैविक खेती से पर्यावरण भी साफ-सुथरा रहता है और ज़मीन की ताकत लंबे समय तक बनी रहती है।

योजना का काम करने का तरीका
इस योजना में किसानों को क्लस्टर यानी समूह बनाकर जोड़ा जाता है। हर क्लस्टर में 20 हेक्टेयर तक की ज़मीन वाले किसान होते हैं। सरकार इन किसानों को न सिर्फ ट्रेनिंग देती है बल्कि जैविक खेती करने के लिए हर तरह की तकनीकी सहायता भी देती है। इस क्लस्टर सिस्टम से किसान मिलकर फसल उत्पादन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग जैसे काम आसानी से कर सकते हैं।
कितनी आर्थिक मदद मिलती है
PKVY योजना के तहत सरकार 3 साल के लिए प्रति हेक्टेयर ₹31,500 की सहायता देती है। इसमें से ₹15,000 किसानों के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजा जाता है। यह पैसा किसान जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक कीटनाशक और बीज खरीदने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
PKVY योजना की आसान जानकारी:
पॉइंट्स | जानकारी |
योजना का नाम | परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) |
संचालन योजना | प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) |
कुल मदद राशि | ₹31,500 प्रति हेक्टेयर (3 साल के लिए) |
DBT के ज़रिए मदद | ₹15,000 सीधे बैंक खाते में |
क्लस्टर सिस्टम | हां, समूह बनाकर खेती करना |
पात्र किसान | जिनके पास 2 हेक्टेयर या कम ज़मीन है |
फायदे | पैसा, ट्रेनिंग, जैविक मार्केटिंग, सर्टिफिकेट |
लागू राज्यों में | सभी राज्य, सिवाय उत्तर-पूर्वी राज्यों के |
योजना से किसानों को क्या लाभ होता है:
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और लंबे समय तक बनी रहती है।
- फसलें रसायन-मुक्त होती हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं।
- जैविक फसलों की बाजार में अच्छी मांग होती है, जिससे दाम ज़्यादा मिलते हैं।
- किसान खेती के नए तरीकों की ट्रेनिंग पाते हैं जिससे उत्पादन भी बेहतर होता है।
- मार्केटिंग और सर्टिफिकेशन की मदद से किसान अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बना सकते हैं।
प्रकृति और समाज को भी होता है फायदा
जैविक खेती सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे पर्यावरण के लिए फायदेमंद है। इससे मिट्टी, जल और हवा प्रदूषित नहीं होती। ज़मीन की गुणवत्ता बेहतर होती है और जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलता है। इससे इंसानों के साथ-साथ पशुओं और पेड़-पौधों को भी फायदा पहुंचता है।
किसे मिल सकता है फायदा
इस योजना का लाभ वे किसान ले सकते हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम ज़मीन है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज इस प्रकार हैं:
- आधार कार्ड
- ज़मीन के कागज़
- बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- जाति प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
कैसे करें आवेदन
किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय में जाकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। कई राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध है जहां से किसान फॉर्म भर सकते हैं और ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं।
PKVY योजना छोटे और गरीब किसानों के लिए एक बेहतरीन मौका है। इससे वे कम लागत में बेहतर खेती कर सकते हैं और बाज़ार में अच्छे दाम कमा सकते हैं। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाती है बल्कि देश में सेहतमंद खाने और साफ पर्यावरण की दिशा में एक मजबूत कदम भी है। अगर अधिक किसान इस योजना का लाभ लें, तो भारत जैविक खेती में दुनिया में एक उदाहरण बन सकता है।
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