Gandhi NREGA Scheme: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi NREGA Scheme) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार प्रदान करना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है। इस योजना का उद्देश्य गांवों में बेरोजगारी को कम करना और ग्रामीण श्रमिकों को आय के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी की गारंटी दी जाती है, ताकि वे अपनी और अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें। अब केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत मजदूरी में 18 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे लाखों श्रमिकों को आर्थिक राहत मिलेगी।
Mahatma Gandhi NREGA Scheme से मजदूरी में हुई वृद्धि
Mahatma Gandhi NREGA Scheme के तहत केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से मजदूरी दर में 18 रुपये की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। पहले जहां श्रमिकों को 243 रुपये प्रतिदिन मजदूरी मिलती थी, अब यह बढ़कर 261 रुपये प्रतिदिन हो गई है।

इस बढ़ोतरी से देशभर के लाखों श्रमिकों को फायदा होगा और उनकी आय में सुधार होगा। यह वृद्धि विशेष रूप से उन श्रमिकों के लिए फायदेमंद होगी जो ग्रामीण क्षेत्रों में खेती या अन्य शारीरिक श्रम करने में लगे हुए हैं।
मजदूरी भुगतान प्रक्रिया
Mahatma Gandhi NREGA Scheme के तहत श्रमिकों को प्रतिदिन की मजदूरी मिलती है, और यह भुगतान काम की गुणवत्ता और श्रमिकों की उपस्थिति के आधार पर होता है। जब कोई श्रमिक किसी विशेष कार्य में योगदान करता है, तो उसकी मजदूरी सप्ताह के अंत में उसके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है। यह राशि सीधे श्रमिकों के खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए ट्रांसफर होती है, जिससे बिचौलियों को हटाया जाता है और पारदर्शिता बढ़ती है। इस तरह श्रमिकों को समय पर और सही राशि मिलती है, जिससे उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है।
केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कदम
केंद्र सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है और 1 अप्रैल से लागू होने वाली इस बढ़ोतरी के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। यह बढ़ोतरी महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत काम करने वाले अकुशल श्रमिकों के लिए लाभकारी साबित होगी। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि मजदूरी का भुगतान सही समय पर और सही तरीके से किया जाए, ताकि श्रमिकों को अपने परिवार के भरण-पोषण में कोई परेशानी न हो। इस योजना के तहत हर साल दो बार मजदूरी की समीक्षा की जाती है – एक जनवरी में और दूसरी जुलाई में। इस समीक्षा के बाद ही मजदूरी दर में बदलाव किया जाता है।
मजदूरी वृद्धि के लाभ
केंद्र सरकार द्वारा की गई इस मजदूरी वृद्धि से श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। 18 रुपये की बढ़ोतरी से उनके दैनिक खर्चों में राहत मिलेगी और वे अपनी दैनिक जरूरतों को आसानी से पूरा कर पाएंगे। उदाहरण के लिए, अगर किसी श्रमिक की मासिक मजदूरी पहले 7000 रुपये थी, तो अब यह बढ़कर 7700 रुपये हो जाएगी, जो उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा। इस वृद्धि से उनकी खरीदारी क्षमता बढ़ेगी और महंगाई के बढ़ते प्रभाव से भी वे बेहतर तरीके से निपट सकेंगे।

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
Mahatma Gandhi NREGA Scheme का प्रभाव सिर्फ श्रमिकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह योजना देश की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर डालती है। जब श्रमिकों की आय बढ़ती है, तो वे ज्यादा खर्च करते हैं, जिसका सीधा फायदा स्थानीय बाजारों और छोटे व्यवसायों को होता है। इससे गांवों में समृद्धि आती है और वहां की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। इसके अलावा, नरेगा के तहत किए गए कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा बेहतर होता है, जैसे जल संचयन, सड़क निर्माण, और ग्रामीण विकास, जो पूरे समाज के लिए लाभकारी साबित होते हैं।
Mahatma Gandhi NREGA Scheme में मजदूरी की बढ़ोतरी एक सकारात्मक कदम है, जो श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार करेगा। इस योजना के तहत लाखों श्रमिकों को समय पर और सही तरीके से मजदूरी मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही, यह योजना भारतीय ग्रामीण क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। केंद्र सरकार का यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए बेहद प्रभावी साबित होगा।
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