SunderKand का चमत्कार: शनिवार को पाठ करने से दूर होती हैं परेशानियाँ, हनुमान जी और शनि देव दोनों होते हैं प्रसन्न

Harsh

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SunderKand: हिंदू धर्म में रामायण का एक विशेष अध्याय है जिसे SunderKand कहा जाता है। यह अध्याय भगवान हनुमान की भक्ति, बुद्धि, शक्ति और साहस को दर्शाता है। यह न केवल धार्मिक ग्रंथ का हिस्सा है, बल्कि भक्तों के जीवन को संवारने वाला एक दिव्य माध्यम भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि SunderKand का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है, दुखों से मुक्ति मिलती है और भगवान हनुमान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। खासकर जब इसका पाठ शनिवार के दिन किया जाए, तो यह और भी प्रभावशाली माना गया है।

SunderKand का महत्व क्या है?

SunderKand में भगवान हनुमान द्वारा लंका की यात्रा, सीता माता से भेंट, रावण का दरबार, अशोक वाटिका का विध्वंस और अग्नि परीक्षा जैसे कई घटनाओं का वर्णन मिलता है।

SunderKand
SunderKand

यह अध्याय यह बताता है कि श्रद्धा, साहस और विश्वास से हर असंभव कार्य भी संभव हो सकता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी मानसिक तनाव, परेशानी, भय या बाधा से गुजर रहा होता है, तब SunderKand का पाठ उसके जीवन में नई आशा और ऊर्जा भर देता है।

शनिवार को पाठ करने का विशेष कारण

शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है और शनि को न्याय का देवता माना जाता है। उनकी दृष्टि कठोर मानी जाती है, लेकिन वे भी उन लोगों से प्रसन्न रहते हैं जो भगवान हनुमान के भक्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनके सामने शनि देव भी नतमस्तक हो जाते हैं। इसीलिए शनिवार को अगर भक्त SunderKand का पाठ करते हैं, तो उन्हें हनुमान जी के साथ-साथ शनि देव का भी आशीर्वाद मिलता है।

पौराणिक कथा से जुड़ी मान्यता

 एक कथा के अनुसार रावण ने एक बार शनि देव को बंदी बना लिया था और उन्हें एक अंधेरे कक्ष में बंद कर दिया था। जब हनुमान जी लंका पहुंचे तो उन्होंने शनि देव को वहां से मुक्त करवाया। इस उपकार के बदले में शनि देव ने वचन दिया कि जो भी शनिवार को हनुमान जी का स्मरण करेगा और SunderKand का पाठ करेगा, उसकी राशि पर उनका बुरा असर नहीं पड़ेगा।

पाठ के लाभ क्या होते हैं?

जो लोग श्रद्धा और नियम से शनिवार को SunderKand का पाठ करते हैं, उन्हें कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। उनके जीवन में सकारात्मकता आती है, आत्मबल बढ़ता है और कठिन परिस्थितियों में भी समाधान मिलते हैं। यह पाठ मन से डर और चिंता को दूर करता है। इससे भक्त के जीवन में स्थिरता आती है और उसका विश्वास ईश्वर में और गहरा हो जाता है। यह पारिवारिक समस्याओं, नौकरी में रुकावट, शत्रुओं से रक्षा और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में भी राहत प्रदान करता है।

SunderKand
SunderKand

कैसे करें SunderKand का पाठ

सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और एक शांत स्थान पर बैठकर भगवान राम और हनुमान जी का ध्यान करें। इसके बाद पूरी श्रद्धा और भाव से SunderKand का पाठ करें। यदि संभव हो तो घी का दीपक जलाकर पाठ करें, इससे वातावरण भी पवित्र होता है और मन एकाग्र रहता है। पाठ के दौरान मोबाइल, टीवी जैसे साधनों से दूरी बनाए रखें ताकि ध्यान न भटके।

SunderKand केवल एक धार्मिक पाठ नहीं है, यह भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। शनिवार के दिन इसका पाठ विशेष फलदायी होता है क्योंकि इस दिन दो शक्तिशाली देवताओं—हनुमान जी और शनि देव—की कृपा एक साथ प्राप्त होती है। अगर आप अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता चाहते हैं, तो शनिवार को SunderKand का पाठ अवश्य करें। यह आपकी सोच को सकारात्मक बनाएगा और जीवन की बाधाओं को दूर करेगा।

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