Pre B.Ed और D.El.Ed की तीसरी और चौथी सूची से एडमिशन का आखिरी चांस, मिस न करें

Ansa Azhar
By
On:
Follow Us

छत्तीसगढ़ के गवर्नमेंट और प्राइवेट शिक्षा महाविद्यालयों में संचालित 4 वर्षीय बीए बीएड तथा बीएससी बीएड और दो वर्षीय प्री. B.Ed, प्री. D.EL.ED पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया अभी जारी है। राज्य में हजारों सिटें खाली होने की वजह से कैंडिडेट्स को तीसरी और चौथी काउंसलिंग सूची में प्रवेश लेने के लिए आखिरी अवसर दिया गया है।

रिक्त सीटों का आंकड़ा

प्री. D.EL.ED में कुल 6,720 सीटों में से 950 सिटें खाली हैं और प्री. B.Ed पाठ्यक्रम में कुल 14,475 सीटों में से लगभग 2,000 सिटें अभी भी उपलब्ध हैं। वहीं 4 वर्षीय बीए बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम में केवल 250 सीट्स हैं। जिनमें से 47 सीट्स खाली रह गई हैं। खाली सीटों को भरने के लिए प्रवेश प्रक्रिया तीव्र कर दी गई है और कैंडिडेट्स को समय पर प्रवेश लेने का निर्देश दिया गया है।

प्रवेश करने की समय सीमा

तीसरी सूची 19 नवंबर को जारी कर दी गई है और चयनित कैंडिडेट्स को 26 नवंबर तक प्रवेश लेना अनिवार्य है। चौथी सूची 29 नवंबर को जारी कर दी जाएगी जिसमें चयनित कैंडिडेट्स को 4 दिसंबर तक महाविद्यालय में प्रवेश लेना होगा। जो भी कैंडीडेट्स निर्धारित किए गए समय पर प्रवेश नहीं लेंगे उन्हें प्रवेश प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।

काउंसलिंग की वर्तमान स्थिति

प्रथम काउंसलिंग में 40% सीट्स भरी गई थीं जिसमें दूसरी काउंसलिंग के पश्चात 86% सीट्स भर गई हैं। अब तीसरी और चौथी सूची में केवल 14% बची हुई सीटों के लिए प्रवेश जारी कर दिया गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि तीसरी और चौथी सूची में नाम आने वाले कैंडिडेट्स के लिए प्रवेश अनिवार्य है।

B.Ed और D.EL.ED पाठ्यक्रमों में रुचि की कमी

प्री. B.Ed और प्री. D.EL.ED पाठ्यक्रमों में खाली सीटें शिक्षा के क्षेत्र में कैंडीडेट्स की घटती हुई रूचि को दर्शा रही हैं। जबकि इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने के मौके मिलते हैं लेकिन छात्रों का रुझान दूसरे पेशेवर पाठ्यक्रमों की ओर ज्यादा है। इसके अतिरिक्त, 4 वर्षीय बीए बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम में सीमित सीट्स होने के कारण उनमें भी सभी सीटें अभी तक भर नहीं पाई हैं।

Pre B.Ed And D.EL.ED Admission

विशेषज्ञों का मानना है कि रिक्त सीटों का प्रमुख कारण छात्रों में पारंपरिक पाठ्यक्रमों के प्रति कम होती हुई रूचि है। प्रबंधन और तकनीकी पाठ्यक्रमों की बढ़ती हुई लोकप्रियता भी इसका एक बड़ा कारण है। इन पाठ्यक्रमों को अधिक आकर्षक बनाने और कैंडिडेट्स को शिक्षण के क्षेत्र में करियर के मोकों के बारे में जागरूक करने की अत्यंत आवश्यकता है।

शैक्षिक संस्थानों और सरकार को इन पाठ्यक्रमों में रुचि बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए। प्लेटमेंट की बेहतर संभावनाएं प्रदान करने, शिक्षकों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ाने और पाठ्यक्रमों में तकनीकी और व्यावहारिक प्रशिक्षण को शामिल करने से स्थिति में सुधार आ सकता है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में D.EL.ED और B.Ed पाठ्यक्रम की रिक्त सीट्स शिक्षा के क्षेत्र में एक चुनौती पूर्ण संकेत हैं। कैंडिडेट्स के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वह वक्त पर काउंसलिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेकर अपनी सीट्स सुरक्षित कर लें। राज्य सरकार और महाविद्यालयों को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा जिससे शिक्षा के क्षेत्र में रुचि को पुनर्जीवित किया जा सके और भविष्य के शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण और मौका प्रदान किया जा सके।

इन्हें भी देखें:

Ansa Azhar

Ansa Azhar

I'm Ansa Azhar, a passionate Hindi Content Writer at DailyNews24. I enjoy crafting informative and engaging articles on a wide range of topics, including lifestyle, education, business and so on. My writing style is simple and easy to understand, ensuring that our readers can easily absorb the information.

For Feedback - [email protected]

Leave a Comment