भारत में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्रों और अभिभावकों के मन में कई सवाल होते हैं। खासकर जब बात मेडिकल (NEET) और इंजीनियरिंग (JEE) जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की आती है, तो सवाल यह जरूर आता है कि कौन सा बोर्ड बेहतर है सीबीएसई या फिर स्टेट बोर्ड? इस आर्टिकल में हम इन्हीं सवालों के जवाब आसान भाषा में जानने की कोशिश करेंगे।
CBSE का सिलेबस और इसकी खूबियां:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) एक राष्ट्रीय बोर्ड है, जो पूरे भारत में समान शिक्षा देता है। यह एनसीईआरटी द्वारा जारी किए गए सिलेबस को अपनाता है, जिसमें समय-समय पर बदलाव किया जाता है। यह बोर्ड छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के हिसाब से तैयारी करने पर जोर देता है। CBSE में 10वीं और 12वीं को मिलाकर करीब 204 विषय के विकल्प मौजूद हैं, जिससे छात्रों को अपने करियर के हिसाब से सही विषय चुनने का मौका मिलता है।
क्या CBSE बोर्ड परीक्षा का तनाव कम करता है?
CBSE परीक्षा में लाखों छात्र शामिल होते हैं और बोर्ड इस बात को समझता है कि परीक्षा का तनाव छात्रों पर पढ़ सकता है। इसीलिए CBSE हेल्पलाइन सेवा के जरिए छात्रों को मानसिक और सामाजिक सहायता दी जाती है। इसके अलावा बोर्ड समय-समय पर परीक्षा के पैटर्न को बदलता रहता है, जिससे इसे अधिक छात्र हितोशी बनाया जा सके।
NEET और JEE के लिए कौन सा बोर्ड बेहतर है?
NEET और JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किसी एक बोर्ड पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है, हालांकि CBSE का सिलेबस इन परीक्षाओं के सिलेबस से काफी मेल खाता है क्योंकि यह परीक्षाएं भी मुख्य रूप से NCERT की किताबों पर ही आधारित होती हैं, लेकिन इसका यह मतलब हरगिज़ नहीं है कि स्ट्रेट बोर्ड के छात्र इन परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। अगर कोई छात्र सही रणनीति के साथ पढ़ाई करता है और NCERT की किताबों को अच्छे से समझता है, तो वह किसी भी बोर्ड से हो, सफलता पा सकता है।
क्या NCERT की किताबें बोर्ड परीक्षा के लिए सही है?
CBSE बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए NCERT की किताबें सबसे ज्यादा जरूरी मानी जाती है क्योंकि यह सिलेबस के मुताबिक होती हैं। हालांकि कठिन टॉपिक को अच्छे से समझने के लिए कुछ दूसरी किताबों और प्रैक्टिस सेट की भी जरूरत पड़ सकती है। परीक्षा में ज्यादातर प्रश्न इन्हीं किताबों के आधार पर आते हैं। इसलिए छात्रों को इन पर खास ध्यान देना चाहिए।
क्या CBSE के छात्रों को स्टेट बोर्ड के मुकाबले में ज्यादा लाभ मिलते हैं?
यह कहना काफी गलत है कि CBSE के छात्रों को NEET और JEE जैसी परीक्षाओं में स्टेट बोर्ड के छात्रों से ज्यादा फायदा मिलता है। भारत में सभी राज्य और केंद्रीय बोर्ड प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जरूरी विषय को कवर करते हैं। सफलता पाने के लिए छात्र की मेहनत और सही रणनीति मायने रखती है न कि सिर्फ बोर्ड।
CBSE और स्टेट बोर्ड दोनों ही अपनी जगह पर जरूरी हैं। अगर छात्र सही NEET और JEE की तैयारी कर रहे हैं, तो उन्हें बोर्ड की जगह अपनी पढ़ाई की रणनीति पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। NCERT की किताबों को प्राथमिकता देकर, सही योजना बनाकर और अनुशासन के साथ पढ़ाई कर के छात्र अपने लक्ष्य को पा सकते हैं।
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