Bank Holiday : आजकल बैंकिंग से जुड़ी ज़रूरतें बढ़ती जा रही हैं। लोग बैंक जाते हैं, कभी पैसे जमा करने, कभी निकालने, या फिर अन्य किसी काम के लिए। बैंकों के खुलने और बंद होने का समय भी तय होता है। फिलहाल, बैंक कर्मियों की 6 छुट्टियां होती हैं, और इस कारण से कभी-कभी ग्राहकों का काम नहीं हो पाता। ऐसे में अगर बैंक को फाइव डे वर्किंग किया जाए तो इस बदलाव का कर्मचारियों और ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा, यह जानना जरूरी है।
फाइव डे बैंकिंग से क्या असर पड़ेगा?
अगर बैंकों में फाइव डे वर्किंग लागू होता है तो इसका असर बैंक कर्मियों और बैंक ग्राहकों दोनों पर पड़ेगा। सबसे पहला असर बैंक के खुलने (Bank Holiday) और बंद होने के समय पर होगा। इससे ग्राहकों को अपनी जरूरी बैंकिंग सेवाएं लेने के लिए व्यस्त समय में से समय निकालना होगा। इसके अलावा, काम के घंटे भी बढ़ सकते हैं।

कर्मचारियों की मांग और सरकार की सहमति
बैंक कर्मचारियों की लंबे समय से यह मांग रही है कि हर हफ्ते पांच दिन काम किया जाए और दो दिन छुट्टी (Bank Holiday) मिले। उनके इस प्रस्ताव पर सरकार और बैंक यूनियनों के बीच कई बार चर्चा हो चुकी है। भारतीय बैंक परिसंघ और कर्मचारी यूनियनों ने इस पर सहमति बना ली है और अब बस सरकार की मंजूरी का इंतजार है। सरकार इस मामले में जल्द निर्णय ले सकती है।
क्या बदल सकता है समय?
फाइव डे वर्किंग (Bank Holiday) के लागू होने पर बैंकों के खुलने और बंद होने का समय बदल सकता है। फिलहाल, बैंक सुबह 10 बजे खुलते हैं और शाम 5 बजे बंद हो जाते हैं। लेकिन नए नियमों के तहत, बैंकों का समय 9:45 बजे से शुरू होगा और 5:30 बजे तक चलेगा। इसका मतलब है कि हर दिन 45 मिनट अधिक काम होगा, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक समय मिलेगा।
आरबीआई की मंजूरी जरूरी
इस फैसले को लागू करने के लिए आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) की मंजूरी भी जरूरी होगी। आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत ही बैंकिंग घंटों को तय किया जाएगा। जैसे ही सरकार और आरबीआई इस प्रस्ताव को मंजूरी देंगे, यह बदलाव कंप्लीट हो जाएगा।

पहले भी हुए हैं बदलाव | Bank Holiday
2015 में, सरकार ने बैंक कर्मचारियों की मांग पर हर दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी देने का नियम लागू किया था। अब बैंक यूनियन की मांग है कि पूरे सप्ताह में पाँच दिन काम हो और दो दिन छुट्टी मिले। इसके लिए भी पहले ही आरबीआई और आईबीए (इंडियन बैंक्स एसोसिएशन) के साथ बातचीत हो चुकी है।
निष्कर्ष
फाइव डे वर्किंग का लागू होना बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। कर्मचारियों के लिए यह अच्छा होगा, क्योंकि उन्हें समय पर छुट्टियां मिलेंगी और वे बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे। वहीं ग्राहकों के लिए भी यह फायदेमंद हो सकता है क्योंकि उन्हें अधिक समय मिलेगा अपनी बैंकिंग सेवाएं (Bank Holiday) लेने के लिए। हालांकि, यह सब सरकार और आरबीआई की मंजूरी पर निर्भर करेगा। अगर यह योजना लागू होती है तो यह बैंकिंग सिस्टम के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।
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