Heartbeat: आजकल लोग फिटनेस को लेकर जागरूक हो गए हैं। वॉक, रनिंग और जिम उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी Heartbeat यानी दिल की धड़कन, आपकी फिटनेस से कहीं ज्यादा आपकी दिल की सेहत के बारे में बताती है? नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगर आपकी हार्टबीट 140 या उससे ऊपर है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
यह केवल कदमों की गिनती या एक्सरसाइज के मिनट नहीं हैं जो आपके हेल्थ का मापदंड तय करते हैं, बल्कि अब बात हो रही है उस स्पीड की, जिससे आपका दिल धड़कता है। यानी आपकी Heartbeat ही असली हेल्थ इंडिकेटर बन चुकी है।
Heartbeat से कैसे पता चलता है दिल की सेहत का हाल
अक्सर लोग मानते हैं कि ज्यादा एक्टिव रहना, ज्यादा चलना या एक्सरसाइज करना ही फिटनेस का पैमाना है। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो अब यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है। अगर आप और आपका दोस्त दोनों रोजाना 10,000 कदम चल रहे हैं, लेकिन आपकी Heartbeat 120 है और दोस्त की 80, तो आपके मुकाबले आपके दोस्त का दिल ज्यादा स्वस्थ माना जाएगा।
सामान्य तौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति की हार्ट रेट 60 से 100 बीट्स प्रति मिनट के बीच होनी चाहिए। लेकिन अगर यह लगातार 140 या उससे ऊपर बनी रहती है, तो यह दिल पर अत्यधिक दबाव का संकेत है और इससे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
स्मार्टवॉच नहीं, स्मार्ट आदतें बनाएं
आजकल लोग स्मार्टवॉच पहनकर अपनी Heartbeat ट्रैक करते हैं, लेकिन केवल आंकड़ों को देखना काफी नहीं है। दिल को मजबूत रखने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना कम से कम 40 मिनट का समय कार्डियो एक्सरसाइज, योग, दौड़ या साइकिलिंग में लगाएं। ये एक्टिविटीज दिल की पंपिंग को बेहतर करती हैं और शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो सुधारती हैं। साथ ही तनाव को भी कम करती हैं, जो कि दिल की बीमारियों का एक बड़ा कारण है।
भागदौड़, कम नींद और मोबाइल – दिल का नया दुश्मन
जापान की एक स्टडी में यह सामने आया है कि भारतीयों की औसतन Heartbeat अन्य देशों की तुलना में लगभग 15% ज्यादा पाई गई है। इसका मुख्य कारण है लगातार भागदौड़, पर्याप्त नींद न लेना और लंबे समय तक स्क्रीन (मोबाइल/लैपटॉप) पर लगे रहना। यह आदतें शरीर की जैविक घड़ी को बिगाड़ देती हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन होता है और दिल की गति असामान्य हो जाती है।
युवाओं में भी बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा
अब यह समस्या केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही। 45 साल से कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 40 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते दिल की मांसपेशियां कठोर होने लगती हैं और उनकी कार्यक्षमता घट जाती है। ऐसे में अगर आप अपनी Heartbeat को कंट्रोल में नहीं रखते, तो जोखिम बढ़ सकता है।
दिल को मजबूत रखने के देसी और साइंटिफिक उपाय
अगर आप अपनी Heartbeat को सामान्य बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको कुछ हेल्दी आदतें अपनानी होंगी। रोजाना की दिनचर्या में योग और ध्यान को शामिल करें। फाइबर युक्त भोजन, ताजे फल, सब्जियां और नट्स खाएं। नमक और चीनी का सेवन सीमित रखें और समय पर सोने-जागने की आदत बनाएं।

आयुर्वेद में लौकी का जूस, अर्जुन की छाल और तुलसी का काढ़ा दिल को ठंडक और मजबूती देने वाले माने जाते हैं। हालांकि इनका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
अब समय आ गया है कि आप अपनी Heartbeat को सिर्फ एक नंबर समझना बंद करें और इसे अपनी सेहत का असली मापक मानें। अगर आपकी धड़कनें लगातार तेज चल रही हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपका दिल थक रहा है। वक्त रहते चेत जाएं, वरना यह छोटी सी लापरवाही बड़ी बीमारी में बदल सकती है।
धड़कनों की सुनिए, क्योंकि वही आजकल सेहत की असली भाषा बन चुकी हैं।
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